
मणिपुर की ओइनम बेमबेम देवी ने दो दशक से अधिक समय तक भारतीय महिला फुटबॉल में अहम योगदान दिया है। ओइनाम बेमबेम देवी का आज जन्म दिन है। साल 2017 के अगस्त में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बेमबेन देवी को प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था।
यह पुरस्कार करीब तीन दशक बाद किसी महिला फुटबॉल खिलाड़ी को दिया गया था। पहली बार 1983 में महिला फुटबॉल खिलाड़ी शांति मलिक को अर्जुन पुरस्कार मिला था।

बेमबेम को भारतीय फुटबॉल में दुर्गा नाम से भी जाना जाता है। इन्होंने 1995 में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में डेब्यू किया था। इन्होंने फरवरी 2015 में शिलांग में एसएएफ खेल में स्वर्ण पदक जीता था।
4 अप्रैल 1980 में मणिपुर के इंफाल में जन्मी बेमबेन देवी ने अपनी करियर की शुरूआत इंफाल के युनाईटेड पायनियर्स क्लब में 1988 में की थी। 1991 में उनका चयन मणिपुर की अंडर-13 टीम का नेतृत्व करने के लिए हुआ। इस टूर्नामेंट में इनके प्रर्दशन की सराहना की गई।

1993 से वे मणिपुर के नेशनल टीम का हिस्सा रहीं और हैदराबाद में हुए 32वें नेशनल गेम में वे मणिपुर महिला फुटबॉल टीम की कप्तान बनी।

बांग्लादेश में बेमबेम देवी की कप्तानी में भारतीय महिला फुटबॉल टीम ने 11वें दक्षिण एशियाई खेलों में खिताबी जीत हासिल की थी। इसके बाद 2010 और 2012 महिला चैम्पियनशिप में भी भारतीय टीम विजयी रही थी। इन्हें 2001 में एआईएफएफ वुमन फुटबॉलर ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया। इसके बाद फिर से इन्हें साल 2013 में आईएफएफ वूमन फुटबॉलर ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया। साल 2017 में इन्हें अर्जून पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साउथ एशियन गेम्स में इनके नेतृत्व में भारत को 2010 और 2016 में जीत मिली थी। वहीं एसएएफएफ वुमन चैंपियनशिप में दो बार साल 2012 और 2014 में जीत मिली थी।

साल 2017 में इंडियन वुमन लीग के फाइनल राउंड में इन्हें ईस्टर्न स्पोर्टिंग युनियन का मैनेजर नियुक्त किया गया। वो पहली ऐसी मैनेजर थी जिन्होंने एक खिलाड़ी के तौर पर इंडियन वुमन लीग का खिताब भी जीता है।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |