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पर्यावरण के लिए अतिमहत्वपूर्ण गिद्धों की हिमाचल समेत सात पहाड़ी राज्यों में गणना की जाएगी। केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने विलुप्त हो रहे गिद्धों के लिए 2020 से 2025 तक का एक्शन प्लान तैयार किया है।
इस एक्शन प्लान के तहत गिद्धों की गणना के अलावा उनकी निगरानी के लिए सेटेलाइट ट्रांसमीटर की मदद से निगरानी, संरक्षण, प्रजनन कर आबादी बढ़ाने और उनके लिए सुरक्षित जोन बनाए जाएंगे। अलग-अलग तरह के गिद्धों के लिए अलग तरह के कार्यक्रम संचालित किा जाएंगे।
चूंकि, दाढ़ी वाले गिद्ध हिमालयन व ट्रांस हिमालयन क्षेत्र में पाए जाते हैं। ऐसे में हिमाचल प्रदेश के अलावा जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में इनकी जनसंख्या की निगरानी की जाएगी।
साथ ही सभी पहाड़ी राज्यों में दाढ़ी वाले गिद्धों की साइटिंग को रिपोर्ट करने का तंत्र तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही हर राज्य में एक कम से कम एक गिद्ध सुरक्षित जोन बनाए जाएंगे।
हालांकि, इसके लिए कम से कम दो प्रजातियां मिलने और कम से कम सौ किलोमीटर के क्षेत्र में जहरीले पदार्थों की कम मौजूदगी हो। गिद्धों की गणना गुजरात की तर्ज पर की जाएगी जहां वन कर्मियों के साथ साथ एनजीओ व आम लोगों का सहयोग लिया गया था।
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