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गंगटोक। सिक्किम दुग्ध उत्पादन क्षेत्र (milk production area) में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रहा है। दो साल के भितर दुग्ध उत्पादन में करीब सय प्रतिशत से ज्यादा दूध उत्पादन किया जा रहा है। इसकी जानकारी कृषि तथा पशुपालन विभाग के मंत्री लोकनाथ शर्मा (Minister of Agriculture and Animal Husbandry Department Loknath Sharma) ने दी है। दक्षिण सिक्किम के करफेकटार स्थित सिक्किम कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर यूनियन पश्चिम-दक्षिण क्षेत्रीय कार्यालय का निरीक्षण करते समय उन्होंने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि एसकेएम सरकार गठन के ढाई साल में ही राज्य ने यह सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसान मुखी पहल और प्रोत्साहन योजना के तहत दूध उत्पादन में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने दिशा में पहल कर रहा है। उन्होंने बताया कि इससे पहले पश्चिम और दक्षिण जिलों से प्रतिदिन 15 हजार लीटर दूध उत्पादित किया जाता था। लेकिन इस साल से इसमें बढ़ोत्तरी होकर करीब 35 हजार लीटर दूध एकत्रित किया जा रहा है।उल्लेख किया जाता है कि करफेकटार स्थित इस मिल्क प्लाट की दुग्ध उत्पादन क्षमता केवल 20 हजार लीटर प्रतिदिन है, लेकिन इसे दो सिफ्ट में प्लाट संचालित करते हुए डिमाड पूरा किया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार करफेकटार के प्लाट को बढ़ोत्तरी करने के दिशा में काम कर रही है। इसके साथ ही बताया गया है कि सिक्किम मिल्क टेट्रा पैक में भी बाजारों में उतारा जाएगा।मंत्री शर्मा ने बताया कि मिल्क यूनियन ने दूध के मूल्य में वृद्धि करने के बाद किसान प्रोत्साहित बने है। इसके अलावा राज्य सरकार ने 8 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी प्रदान करता आया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार साल 2019-20 से सिक्किम मिल्क यूनियन के माध्यम से किसानों को चार करोड़ अधिक रूपये मासिक प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रहा है, जो अभी 2021-22 में बढ़कर मासिक आठ करोड़ रुपये तक पहुंचा है।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के माध्यम से किसानों को दूध उत्पादन में प्रोत्साहित करने के साथ-साथ पौष्टिक घास की खेती में भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करने वाले किसानों को 50 लाख रुपये तक ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दिया जा रहा है। मंत्री के मार्फत ऋण से विकास योजना के तहत कृषि तथा पशुपालन क्षेत्र को व्यावसायिक रूप में प्रोत्साहन दिया जा रहा है कहा। इसके अलावा मुख्यमंत्री कृषि आत्मनिर्भर योजना, मुख्यमंत्री पशुधन आत्मनिर्भर योजना आदि में सिक्किमे किसानों को प्रोत्साहन और सम्मान किया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने सिक्किम को आत्मनिर्भर बनना आवश्यक यह शिक्षा दिया है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र एक सम्मानित पेशा है, इसे व्यावसायिक रूप में ग्रहण किया गया तो सिक्किम को फायदा होगा। उन्होंने बताया कि राज्य के एक कृषक प्रतिदिन 24 हजार रुपये केवल प्रोत्साहन राशि सरकार से लेते है। अगर युवा इसे आगे बढ़ाएंगे तो प्रत्येक युवा आर्थिक रूप से सबल बनेंगे।
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