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पूरे भारत को नार्थ ईस्ट (North East) से जोड़ने वाले चिकन नेक का भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने वैकल्पिक रास्ता ढूंढ निकाला है। एनएफआर (NFR) के जीएम अंशुल गुप्ता ने TV9 भारतवर्ष से खास बातचीत में कहा कि चिकन नेक (Chicken Neck) के अतिरिक्त बिहार के अररिया जिले से होते हुए एक नया वैकल्पिक रास्ता ढूंढा गया है, जिससे कि अगर आने वाले दिनों में चिकन नेक का रास्ता किसी वजह से बंद होता है तो उस रास्ते से आवागमन किया जा सके।
बिहार के अररिया जिले के इलाके से एक नया ट्रैक रेलवे बिछा रही है। ये गलगलिया होते हुए पश्चिम बंगाल की ओर जाएगा और उसके बाद फिर नॉर्थ ईस्ट के इलाके में प्रवेश करेगा। इस नए ट्रैक के बनने से नार्थ ईस्ट की ओर जो भी ट्रेन जा रही है, वो चिकन नेक की ओर से नहीं बल्कि अररिया गलगलिया के रास्ते भी जा सकती है। ये एक वैकल्पिक मार्ग है, जो सामरिक दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण है।
अगर चीन से सटे बॉर्डर की बात करें तो अधिकतर सीमा अरुणाचल प्रदेश से सटी है। इसमें अरुणाचल के कुछ इलाके में ट्रेन पहुंच चुकी है जबकि तवांग तक ट्रेन पहुंचाने की तैयारी है। ठीक इसी तरह से सिक्किम के पास भी रेलवे ट्रैक बहुत तेजी से बिछाया जा रहा है, जिससे कि चीन के बॉर्डर तक जल्द से जल्द पहुंचा जा सके।
बिहार के किशनगंज को चिकन नेक कहा जाता है। इसे सिलीगुड़ी कॉरिडोर भी कहा जाता है। ये कुल 27 किलोमीटर की एक स्ट्रेच है। चूंकि ये इलाका तीन देशों के बीच में आता है और इसलिए ये एक संवेदनशील क्षेत्र है। यहां पर भारतीय सेना, असम राइफल, सीमा सुरक्षा बल और पश्चिम बंगाल पुलिस की ओर से गश्त लगाई जाती है।
भौगोलिक स्थिति कुछ ऐसी है कि अगर ये ब्लॉक हो जाए तो नार्थ ईस्ट का संपर्क देश से कट जाएगा। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए बिहार के अररिया जिले के गलगलिया ( जगह का नाम है) होते हुए नया ट्रैक बिछाया जा रहा है। ये ट्रैक अलुबारी रूट से होते सिलीगुड़ी तक पहुंचेगा। इस रूट के तैयार होने का प्रस्तावित समय 2023 है। इससे सामरिक महत्व से नार्थ ईस्ट के इलाकों में जल्द से जल्द से पहुंचा जा सके। इस रूट से सिक्किम के पास का चीन बॉर्डर जल्द पहुंचा जा सकता है।
नार्थ ईस्ट के इलाकों से ट्रेन बॉर्डर पार करने की तैयारी में है। जिन देशों में ट्रेन ट्रैक बिछाने की योजना है, उनमें नेपाल, बर्मा, भूटान और बंगलादेश शामिल है। बंगलादेश को जोड़ेने वाला ट्रैक हल्दीबाड़ी पूरा हो चुका है। इससे महिमाशाली-अगरतला को जोड़ा जाएगा। बिहार में जोगबनी से बिराटनगर को जोड़ने का काम शुरू हो चुका है। भूटान के हशिमारा बॉर्डर पर भी ट्रैक का काम चल रहा है।
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