जिले की इकलौती माउंट एवरेस्ट विजेता पर्वतारोही मनीषा पायल ने सिक्किम के ग्लेशियर में आपदा बचाव राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लेकर एक और उपलब्धि अपने नाम जोड़ ली है। पश्चिम बंगाल के हिमालयान माउंटेनयरिंग संस्थान द्वारा यह शिविर लगाया गया जिसमें कोलकाता, मुंबई, केरल, गुहाटी, यूपी व हरियाणा के 12 युवाओं ने भाग लिया। इन छह राज्यों के प्रतिभागियों में फतेहाबाद के गांव बनावाली निवासी महेंद्र पायल की बेटी मनीषा एकमात्र महिला प्रतिभागी के रूप में शामिल हुई। मनीषा ने 23 दिन जान जोखिम में डालकर इस प्रशिक्षण को पूरा किया।

फतेहाबाद पहुंची मनीषा पायल ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब उसे पता लगा कि इस शिविर का आयोजन हो रहा है, तो उसने अपने परिवार से सहमति ली। शिविर में पहुंचने पर उसे यह जानकर हैरानी हुई कि 12 प्रतिभागियों में वह अकेली लड़की है। उसे इस बात का गर्व भी रहा कि उसने इन युवाओं के बीच अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करवाकर यह साबित किया कि महिलाएं स्वयं की रक्षा करने के साथ-साथ आपदा में फंसे असहायों को बचाने में भी सक्षम है।

मनीषा ने बताया कि सिक्किम में 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित बर्फीली रोहतांग पहाड़ियों में टास्क देकर उन्हें लोगों को बचाकर लाने के गुर सिखाए गए। आपदा के समय किसी को बचाने में किस प्रकार के धैर्य का परिचय देना चाहिए, क्या सावधानियां बरतनी चाहिए इस प्रकार के अहम टिप्स मिले। ट्रेनिंग के दौरान कई बार जान जाने तक का खतरा भी नजर आया, पर वह इससे पहले साउथ अफ्रीका की किलीमंजारो और दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतेह कर चुकी थी इसलिए उसे ज्यादा दिक्कत नहीं आई।

मनीषा बताती हैं कि इस प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने से उनका मनोबल व साहस बढ़ा है। आपदा के समय में वह भी जी जान से लोगों को बचाने में अपनी मदद कर सकेंगी। हर स्वस्थ युवा को इस प्रशिक्षण लेना चाहिए ताकि हम आपदा में अपनी भूमिका निभा सकें।