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भारतीय सेना ने भारी बर्फबारी के बाद छांगू में पूर्वी सिक्किम के ऊपरी इलाकों में फंसे 1,000 से अधिक पर्यटकों को बचा लिया। यह जानकारी अधिकारियों ने शुक्रवार को दी। बचाए गए पर्यटकों में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इससे पहले 12 मार्च को भारतीय सेना ने नागरिक पुलिस और प्रशासन के सहयोग से पूर्वी सिक्किम में भारी बर्फबारी के कारण फंसे 370 पर्यटकों को बचाया था।
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इसमें कहा गया है कि पर्यटक नातू ला और त्सोमगो (चांगगू) झील से लौट रहे थे, तभी करीब 100 वाहन भारी बर्फबारी में फंस गए।
बयान में कहा गया है कि नागरिक पुलिस और प्रशासन के सहयोग से त्रिशक्ति कोर के सैनिकों ने एक बचाव अभियान 'ऑपरेशन हिमराहत' शुरू किया जो 11 मार्च की देर रात तक जारी रहा।
इसके अलावा बयान के अनुसार, पर्यटकों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाया गया और आश्रय गर्म कपड़े, चिकित्सा सहायता और गर्म भोजन प्रदान किया गया। बयान में आगे बताया गया कि सुबह सड़क खोलने के लिए जनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स (जीआरईएफ) के साथ विस्तृत समन्वय किया गया।
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12 मार्च की सुबह जीआरईएफ डोजर्स की मदद से सड़क खोलने का काम शुरू किया गया। सुबह नौ बजे तक गंगटोक तक वाहनों की आवाजाही के लिए सड़क को साफ कर दिया गया।
बयान में कहा गया है कि सैनिकों की त्वरित प्रतिक्रिया ने खराब मौसम की स्थिति में फंसे पर्यटकों को राहत और आराम प्रदान किया और गंगटोक में वाहनों की आवाजाही को सक्षम करने के लिए सड़क को जल्द से जल्द साफ करना सुनिश्चित किया। फंसे हुए पर्यटकों और सिक्किम के नागरिक प्रशासन ने सेना द्वारा समय पर दी गई राहत के लिए आभार व्यक्त किया।
बयान में जोर देकर कहा गया है कि सेना हिमालय के अति उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सीमा की रक्षा करते हुए पर्यटकों और स्थानीय आबादी को सहायता प्रदान करने में हमेशा सक्रिय रहती है।
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