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गंगटोक। सिक्किम में केसर खेती (saffron cultivation) को लेकर राज्यपाल गंगा प्रसाद (Governor Ganga Prasad) के अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक यायोजित किया गया। राजधानी गंगटोक स्थित राजभवन में आयोजित बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामाग (पीएस गोले) (Chief Minister Prem Singh Tamag (PS Gole)) , कृषि एवं बागवानी विभाग के मंत्री लोकनाथ शर्मा, विभागीय अधिकारी लगायत कश्मीर से आए कृषि विभाग के निदेशक मोहम्मद इकबाल बैठक में सहभागी बने।
उल्लेख किया जाता है कि पिछले दो सालों से सिक्किम केंद्रीय विश्वविद्यालय (एसयू) ने राज्य में केसर की प्रयोगात्मक खेती शुरू की है। इसे मान्यता देते हुए राज्य सरकार केसर खेती को व्यावसायिक रूप देने में सोच रही है। विश्वविद्यालय की प्रयोगात्मक खेती की सफलता को ध्यान में रखकर राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कुछ दिन पहले विश्वविद्यालय पक्ष से विस्तृत जानकारी लिए थे। इसी आधार पर राज्यपाल ने शुक्त्रबार मुख्यमंत्री पीएस गोले लगायत अन्य अधिकारीयों के साथ राजभवन में केशर खेती को लेकर विस्तृत चर्चा की।
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कहा कि सिक्किम केंद्रीय विश्वविद्यालय के द्वारा किए गए प्रयोगात्मक केसर खेती से खुद प्रभावित है । अगर सिक्किम में केसर खेती किया गया तो यहा के किसानों को फायदा मिलेगा। विश्वविद्यालय राज्य के विभिन्न स्थानों पर लगभग डेढ़ एकड़ जमीन पर प्रयोगात्मक केसर खेती कर रही है, जिसका परिणाम अच्छा है। सिक्किम में जैविक रूप में किए गए केसर उत्पादन कश्मीर से गुणात्मक पाया गया है। इसी कारण हमने कश्मीर से प्रतिनिधि बुलाकर केसर खेती पर विस्तृत विवरण देने को कहा। राज्यपाल ने बताया कि बैठक में केसर खेती को आगामी बजट में भी शामिल किया जाएगा। राज्य में केसर खेती की नर्सरी विकास, कहा पर इसकी खेती लगाया जाता है और इसके लिए जमीन की जाच लगायत किसानों को तेशर खेती पर कैसे प्रोत्साहित किया जा सकता है इस विषय में विस्तृत चर्चा किया गया। राज्यपाल ने कहा कि राज्य में केसर खेती करने से यहा के किसानों का दो गुना आय आर्जन होने की संभावना है। उन्होंने आगे बताया कि राज्य में केसर खेती पर राज्यपालों के सम्मेलन में भी उन्होंने चर्चा की। इसके साथ ही केंद्र सरकार समक्ष भी इस बात पर चर्चा करने की जानकारी दी।
दूसरी ओर बैठक के बाद राजभवन परिसर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पीएस गोले ने कहा कि सिक्किम विश्वविद्यालय के द्वारा प्रयोगात्मक रूप में शुरू की गई केसर खेती को राज्य सरकार ने सकारात्मक लिया है। राज्य सरकार इस खेती को राज्य में बढ़ावा देना चाहता है, इसी संदर्भ में आज उच्च स्तरीय बैठक आयोजित किया गया है। राज्य सरकार के पहल में सिक्किम विश्वविद्यालय और राज्य कृषि तथा बागवानी विभाग की एक उच्च स्तरीय टोली केसर खेती के अध्ययन के लिए कश्मीर जाएगी। कश्मीर की कृषि तथा बागवानी विभाग के सहयोग में हम सिक्किम में इसको विस्तार करेंगे। मुख्यमंत्री गोले ने आगे बताया कि केसर खेती के लिए कश्मीर में रासायनिक खाद प्रयोग किया जाता है लेकिन सिक्किम पूर्ण जैविक राज्य होने के कारण इसकी गुणवत्ता और इसकी बाजारी मूल्य में भी सही असर रहेगा। इसके साथ ही राज्य कृषि मंत्री लोकनाथ शर्मा ने भी राज्यपाल के पहल में सिक्किम केसर खेती अपनाने के लिए तत्पर है और विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है कहा।
अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रो. अविनाश खरे ने विश्वविद्यालय के प्रयोगात्मक खेती तो राज्य सरकार के द्वारा अपनाना हर्ष का विषय है कहा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का काम किसी भी विषय पर अनुसंधान करना है। हमने सिक्किम में केसर खेती की संभावना पर अनुसंधान किया था और सफलता भी मिली है। अब इसे आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है, जो राज्य सरकार ने सकारात्मक रूप से अपनाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इस खेती को लेकर विश्वविद्यालय अपने पक्ष से राज्य सरकार को यथा संभव सहयोग करने के लिए तैयार है।
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