लगन और मेहनत की मिसाल बनीं टेबिल टेनिस खिलाड़ी सुहाना नरजीनरी यूपी में किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। 

महज छह माह की थीं जब उनके पिता 1998 में सिक्किम से मुरादाबाद आए और टैक्सी चलाने लगे। सपने में भी नहीं सोचा था कि वह टेबिल टेनिस की चैंपियन बनेंगी।

खेलने का शौक था मगर घर वालों ने रुचि नहीं ली। रेलवे कर्मचारी पीके सक्सेना ने मदद की तो सुहाना ने उसी दिन से टेबिल टेनिस को अपना करियर बना लिया। 

तमाम संकट आए पर सुहाना ने साहस नहीं छोड़ा संघर्ष करती रहीं। पिछले पांच साल से लगातार वह यूथ, जूनियर और वूमेन्स तीनों वर्गों में यूपी की चैंपियन बन रही हैं।