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कांग्रेस (Congress) ने कृषि कानूनों (farm laws) को निरस्त करने के विधेयक (Bill) को 'जल्दबाजी' में पारित करने से पहले चर्चा की "अनुमति नहीं देने" के लिए सरकार की आलोचना की है।
कांग्रेस (Congress) नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने आरोप लगाया कि “सरकार हम पर सदन को चलने नहीं देने के लिए दोषी ठहराती है। लेकिन कृषि कानून निरस्त विधेयक 2021 (Farm laws repeal bill 2021) पेश किया गया और बिना किसी चर्चा के पारित कर दिया गया। विपक्ष ने इस पर चर्चा की मांग की थी। भले ही सरकार ने कृषि कानूनों (farm laws) को निरस्त कर दिया हो, लेकिन इसकी 'मन की बात' कुछ और है, ”।
इस बीच राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि विपक्ष किसानों के विरोध के दौरान हुई कई घटनाओं पर चर्चा करना चाहता है। इन्होंने कहा कि “हम तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का स्वागत करते हैं। हमने लखीमपुर खीरी घटना सहित आंदोलन के दौरान हुई कई घटनाओं पर चर्चा की मांग की ”।
खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि "सरकार यह कहना गलत है कि निरसन विधेयकों पर कभी चर्चा नहीं होती है।" इस बीच, केंद्र ने निरस्त विधेयक पारित करने के दौरान सदन में "हंगामा" करने के लिए विपक्ष पर पलटवार किया है।
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी (Union Minister Pralhad Joshi) ने कहा कि “खेत बिलों को पारित करने के दौरान, पर्याप्त चर्चा हुई थी। पूरा विपक्ष कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहा था। लेकिन जब हम कानूनों को निरस्त करने गए तो विपक्ष ने हंगामा किया, ”। बता दें कि बिल संसद के दोनों सदनों में पास हो चुका है।
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