गंगटोक। सिक्किम विधानसभा (Sikkim Legislative Assembly) में लिंबू तामाग आसन आरक्षण राज्य की एक अहम राजनीतिक मुद्दा है। साल 2002 में जनजाति बनने के बाद भी आसन आरक्षण से वंचित लिंबू तामाग को आज तक अपना विधानसभा आसन नहीं मिला है। पूर्व सरकार से लेकर वर्तमान सरकार तक इन दो जातियों के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित करना और केंद्र सरकार में पत्रचार करना सिलसिला जारी चल रहा है। फिर भी यह राजनीति मुद्दा का समाधान नहीं मिला है।

इस विषय पर आज राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामाग (पीएस गोले) (Chief Minister Prem Singh Tamag (PS Gole)) ने राज्यवासियों को एक संदेश दिया है। आज रानीपूल के सरमसा गार्डन में आयोजित लिंबू जाति का महान पर्व 'चासोग तोंगनाम' समापन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री गोले ने लिंबू तामाग समुदाय (Limbu Tamag Community) के लोगों को न्याय दिलाने के लिए भारत सरकार सकारात्मक है कहा। उन्होंने इस मुद्दे का हल अवश्य भी होगा यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री गोले ने आगे कहा कि लिंबू तामाग आसन आरक्षण को लेकर राज्य के लोकसभा सासद इंद्रहाग सुब्बा संसद में बार-बार आवाज उठाते आए है। इसी विषय पर मुख्यमंत्री गोले ने पूर्व सरकार पर भी विभिन्न आरोप लगाया है।

मुख्यमंत्री गोले ने कहा कि सिक्किम विधानसभा में लिंबू तामाग के लिए आसन आरक्षण पूर्व सरकार की इच्छाशक्ति की कमी के कारण नहीं हुआ है। यह साल 2004 के विधानसभा चुनाव से एक राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है।

पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री गोले ने कहा कि मुख्यमंत्री होकर जनता को दी गई वचन पूरी करनी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री के नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि साल 2019 विधानसभा से पहले अगर लिंबू तामाग आसन आरक्षण नहीं हुआ तो राजनीति से संन्यास लेंगे कहा था। फिर भी 2019 में वह चुनावी मैदान पर उतरे। उन्होंने अपनी वचन पूरी नहीं की।

मुख्यमंत्री गोले ने 17वें ग्याल्वा करमापा को सिक्किम प्रवेश पर भी पूर्व सरकार ने रोक लगाया था कहा। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने राव कमेटी गठन कर उसके रिपोर्ट के मुताबिक कर्मापा को सिक्किम प्रवेश में प्रतिबंध लगाया था। पूर्व सरकार ने इसे केवल राजनीतिक मुद्दा बनाया लेकिन वर्तमान सरकार इस पर काम कर रहा है। इसके साथ ही पूर्व सरकार के कारण राज्य के 12 जाति गोष्ठी को जनजाति मान्यता से वंचित होना पड़ा है कहा। उन्होंने आरोप लगाया है कि पूर्व सरकार के नकारात्मक रिपोर्ट के कारण ही सभी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। उनका कहना है कि इन तीनों मुद्दों पर पूर्व सरकार ने सिक्किम विधानसभा में केवल नाटक किया। उल्लेख किया जाता है कि मुख्यमंत्री गोले ने आज भी लिंबू तामाग के आसन आरक्षण, 12 जाति गोष्ठी को जनजाति बनाने की माग और कर्मापा का सिक्किम आगमन जैसे मुद्दा कब तक समाधान किया जाएगा इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री गोले ने लिंबू जाति के परंपरा (मुन्धुम) मुताबिक पूजा अर्चना की। उनके साथ उनकी धर्मपत्‍‌नी कृष्ण राई, कैबिनेट मंत्री दल, विधायक, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव जेकब खालिंग, आयोजक समिति के सदस्य लगायत अन्य लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर चासोक तोंगनाम के दिन सरकारी छुट्टी घोषित करने की खातिर मुख्यमंत्री गोले को धन्यवाद दिया गया।