पूर्वी लद्दाख में पिछले कई महीनों से चल रहा तनाव अब कम होता दिखाई दे रहा है। पैंगोंग त्‍सो पर भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के बीच संयुक्‍त प्रयास के बाद चीन के तेवर अब नरम पड़ते दिखाई दे रहे हैं। यही कारण है कि चीन ने सिक्किम के नाकु ला पर भी अपनी पेट्रोलिंग कम कर दी है। बता दें कि मई 2020 के बाद से बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है।

बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार ने नाकु ला को लेकर फिलहाल किसी भी तरह की बात करने से इनकार कर दिया है। सेना के शीर्ष सैन्य कमांडरों के मुताबिक पैंगोंग त्सो में दोनों सेनाओं के बीच हुए समझौते के बाद बीजिंग की ओर से नाकु ला पर तनाव कम करने की कोशिश की जा रही है। यही कारण है कि अब नाकु ला में पेट्रोलिंग कम कर दी गई है। बता दें कि चीन की सेना से जुड़ा हर एक फैसला लेने का अधिकार राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व वाले केंद्रीय सैन्य आयोग के पास है, जो कि चीन के रक्षा बलों के कमांडर-इन-चीफ भी हैं।

बता दें कि पैंगोंग झील पर हुए समझौते के हिसाब से दोनों सेनाएं अग्रिम मोर्चे पर लौटेंगी। इसके बाद चीन की सेना नॉर्थ बैंक में फिंगर 8 की पूर्व दिशा की तरफ होगी। जबकि, भारतीय सेना की टुकड़ियां फिंगर 3 के पास स्थायी बेस धन सिंह थापा पोस्ट पर होंगी। वहीं, दक्षिण किनारे को लेकर भी सेनाएं इसी तरह की कार्रवाई करेंगी। खबरें आती रही हैं कि चीन सीमा पर निर्माण करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, रक्षा मंत्री ने बताया कि 2020 में दक्षिण किनारे पर किए गए सभी निर्माणों को हटाया जाएगा। इसके बाद पुरानी स्थिति दोबारा बहाल की जाएगी।

चीन के साथ पैंगोंग झील समझौते के बाद अब भारत देपसांग क्षेत्र पर बातचीत करने की तैयारी कर रहा है। कमांडर स्तर की बैठक में इस क्षेत्र पर बड़ा फैसला आ सकता है। कहा जा रहा है कि भारत बैठक में देपसांग का मुद्दा उठा सकता है।