
युद्ध से तबाह यूक्रेन में फंसे तीन पूर्वोत्तर राज्यों असम, त्रिपुरा और मेघालय के 230 से अधिक छात्रों में से लगभग 50 छात्र अब तक भारत लौट चुके हैं। असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ ने जिला प्रशासन को यूक्रेन में फंसे छात्रों के माता-पिता तक पहुंचने का निर्देश दिया है।
गुवाहाटी में एक अधिकारी ने बताया कि असम सरकार ने अब तक ऐसे 160 छात्रों की सूची तैयार की है और विदेश मंत्रालय के समन्वय से उन्हें निकालने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि असम से चार और छात्र बुधवार को नई दिल्ली पहुंचे, जिससे यूक्रेन से लौटने वालों की कुल संख्या 32 हो गई।
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मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने एक ट्वीट में कहा कि उनके राज्य से यूक्रेन में पढ़ने वाले 12 छात्र सुरक्षित भारत पहुंच गए हैं। संगमा ने कहा कि अन्य ग्यारह छात्र पड़ोसी देशों में सुरक्षित पहुंच गए हैं और जल्द ही उन्हें भारत वापस भेज दिया जाएगा।
त्रिपुरा के मुख्य सचिव कुमार आलोक ने कहा कि सभी जिलों के जिलाधिकारियों और उप-मंडल मजिस्ट्रेटों ने यूक्रेन में पढ़ रहे 33 छात्रों के परिवार के सदस्यों से संपर्क किया है। सीएस ने कहा कि पांच छात्र भारत पहुंच चुके हैं और 24 यूक्रेन की सीमा पार कर भारत जा रहे हैं जबकि चार अभी भी यूक्रेन में हैं लेकिन वे सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र उनके लिए सभी इंतजाम कर रहा है।
अधिकांश पूर्वोत्तर राज्यों की राज्य सरकारें यूक्रेन में इन राज्यों के फंसे हुए छात्रों और अन्य नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए विदेश मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में हैं।
सरकार युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों को पड़ोसी देशों में जाने के लिए कहकर वापस लाने की कोशिश कर रही है जहां से उन्हें विशेष विमान द्वारा देश वापस भेजा जा रहा है।
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