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कांग्रेस ने बहस करने के लिए तीन मुद्दों पर भाजपा से जवाब मांगा है। शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि अगर भाजपा इन मुद्दों को स्पष्ट नहीं करती है तो उसके साथ कोई बहस नहीं हो सकती है। रमेश ने 2018 के नागालैंड विधानसभा चुनावों के अपने वादे "समाधान के लिए चुनाव" पर भाजपा से स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने कहा, "पांच साल बाद नगा मुद्दे का समाधान कहां है?
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रमेश ने कहा कि रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए हुए आठ साल बीत चुके हैं लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है। उन्होंने भाजपा से पूछा कि क्या वह अनुच्छेद 371 (ए) को भंग नहीं करेगी जो नगाओं की पहचान को संरक्षित, संरक्षित और बढ़ावा देता है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने भगवा पार्टी से पूछा कि क्या वह आदिवासियों के आरक्षण के मुद्दे पर जनजाति धर्म संस्कृति सुरक्षा मंच (JDSSM) की निंदा और खुद को अलग कर लेगी। अगर बीजेपी इन मुद्दों पर स्पष्टीकरण देती है तो कोई बहस नहीं हो सकती है और यह पूरी तरह से समय की बर्बादी होगी।'
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रमेश ने आगे पूछा कि नागालैंड के संबंध में समान नागरिक संहिता पर बीजे का क्या रुख है।
उन्होंने कहा कि एक पार्टी जिसने नगालैंड का निर्माण किया और अनुच्छेद 371 (ए) बनाया, वह केवल नगा लोगों की पहचान की रक्षा और प्रचार कर सकती है। उन्होंने कहा कि केवल कांग्रेस ही नागालैंड में सद्भाव, शांति और विकास ला सकती है।
कांग्रेस नेता ने पूछा कि नागालैंड में दीमापुर में भाजपा के होर्डिंग्स में प्रदर्शित 4,150 सड़कें कहां हैं।उन्होंने कहा कि नागालैंड में भाजपा-एनडीपीपी सरकार की सबसे बड़ी विफलता सड़क संपर्क और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति प्रदान करना है।
रमेश ने कहा, यह टूटे हुए वादों की पांच साल की कहानी है।
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