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अगरतला। त्रिपुरा राज्य भाजपा की कार्यकारी बैठक सोमवार को सिपाहीजला जिले के चारिलम में आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न स्तरों के 150 नेताओं ने पार्टी संगठन में सुधार किया और अगले साल के लोकसभा चुनावों के लिए रोड मैप तैयार किया। मुख्यमंत्री माणिक साहा, पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व डिप्टी सीएम जिष्णु देव वर्मा, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजीब भट्टाचार्जी और कुछ केंद्रीय प्रतिनिधियों ने बंद कमरे में सत्र की अध्यक्षता की।
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केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने नेताओं के साथ मंच साझा करने से परहेज किया और इसके बजाय उन्हें सबसे पीछे बैठा पाया गया। गौरतलब है कि पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद बिप्लब कुमार देब बैठक से नदारद रहे।
यहां एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी नेतृत्व की कार्यप्रणाली की आलोचना करने के बाद उन्हें रविवार शाम दिल्ली तलब किया गया था। देब ने रविवार को आरोप लगाया कि कुछ बाहरी ताकतें पार्टी की गतिविधियों में हस्तक्षेप कर रही हैं, जो इसके कामकाज में बाधा पैदा कर रही है।
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पार्टी सूत्रों ने कहा कि नेताओं ने 2018 में वोट शेयर की तुलना में पिछले विधानसभा चुनाव में लगभग 11% वोटों के नुकसान को ध्यान में रखते हुए जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए एकजुट प्रयास करने का आह्वान किया है। सूत्रों ने कहा कि साहा ने कथित तौर पर नेताओं से गुटबाजी और गुटबाजी से दूर रहने को कहा, जो न केवल पूरी पार्टी को प्रभावित करता है बल्कि समर्थकों को भी भ्रमित करता है।
भट्टाचार्जी ने भी सीएम की प्रतिध्वनि की और संकेत दिया कि पार्टी पहले ही पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कई नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है।
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