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डब्ल्यूएचओ की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामिनाथन का कहना है कि अगले साल के अंत तक कोरोना महामारी की एक असरदार वैक्सीन जरूर आ जाएगी, लेकिन इसकी मात्रा सीमित होगी। स्वस्थ लोगों को कोरोना वैक्सीन के लिए दो साल इंतजार करना पड़ सकता है।
वहीं कोरोना वैक्सीन सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को और ऐसे लोगों की दी जाएगी, जिनमें संक्रमण का खतरा ज्यादा होगा। स्वामिनाथन ऑनलाइन कार्यक्रम में हिस्सा ले रही थीं। स्वामिनाथन के अनुसार ज्यादातर लोग इस बात से सहमत होंगे कि सबसे पहले हैल्थ केयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स से शुरुआत की जाएगी, लेकिन वहां भी देखा जाएगा कि किसे कितना खतरा है। उनके बाद बुजुर्गों को और फिर इस तरह से और आगे।
उन्होंने कहा कि काफी सारे निर्देश आएंगे, लेकिन उन्हें लगता है कि औसत इंसान, युवा स्वस्थ इंसान को 2022 तक वैक्सीन का इंतजार करना पड़ सकता है। उनके मुताबिक 2021 में वैक्सीन तो होगी लेकिन सीमित मात्रा में। इसलिए एक फ्रेमवर्क तैयार किया गया है जिससे यह तय हो सके कि देश इस बात का फैसला कैसे करेंगे कि पहले किसे वैक्सीन देनी है। लोगों को लगता है कि पहली जनवरी या पहली अप्रेल से हमें वैक्सीन मिल जाएगी और उसके बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा। हालांकि ऐसा कुछ नहीं होने वाला।
पहले कहा जा रहा था कि ऑक्सफर्ड-एस्ट्रा जेन्का की वैक्सीन इस साल के अंत तक आ सकती है, लेकिन अब संभावना है कि वैक्सीन अगले साल के शुरुआत में आए। इससे पहले इस बात की संभावना जताई जा रही थी कि साल के अंत तक इस वैक्सीन को इमर्जेंसी की हालत में इस्तेमाल करने की इजाजत मिल सकेगी। ब्रिटेन की वैक्सीन को इस रेस में सबसे आगे माना जा रहा था लेकिन बीच में इसके ट्रायल रोकने पड़े थे।
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