कई बार ऐसा होता है कि आप कहीं जाने के लिए रेल की टिकट बुक कराते हैं लेकिन कुछ अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण आप तय तिथि पर ट्रैवल नहीं कर पाते। ऐसे में आपको ट्रेन की टिकट कैंसिल करानी पड़ती है। इसमें आपको आर्थिक नुकसान भी होता है क्योंकि रेलवे कैंसिलेशन चार्ज के तौर पर आपसे कुछ फीस वसूल कर लेता है। हालांकि, आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं है। अगर आपको लगता है कि ये यात्रा आप कुछ समय पहले या तय तिथि के कुछ समय बाद कर सकते हैं तो आपको टिकट कैंसिल कराने की जरूरत नहीं है।

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रेलवे का नियम है कि आप उसी टिकट की डेट को आगे या पीछे कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए आपको ट्रेन के स्टेशन से छूटने से 48 घंटे पहले अपनी टिकट रिजर्वेशन काउंटर पर सरेंडर करनी होती है। वहीं आपको नई तिथि के लिए आवेदन भी देना होता है। आप इस दौरान क्लास भी अपग्रेड कर सकते हैं। आवेदन देने के बाद तिथि और क्लास में बदलाव कर दिया जाता है। डेट बदलने के लिए कोई चार्ज नहीं लगता है। अगर श्रेणी बदली जा रही है तो दोनों के किराए के बीच का अंतर आपको देना होता है।

आप जहां से ट्रेन पकड़ना चाह रहे हैं उस स्टेशन में भी बदलाव कर सकते हैं। इसके लिए आपको ट्रेन का पहला चार्ट बनने से पहले मुख्य रिजर्वेशन सुपरवाइजर या ड्यूटी पर तैनात रिजर्वेशन सुपरवाइजर को आवेदन देना होता है। ये काम आप कामकाजी घंटों के दौरान पैसेंजर रिजर्वेशन सेंटर पर कर सकते हैं। इसके अलावा आईआरसीटीसी की वेबसाइट और 139 के जरिए भी इस काम को पूरा कर सकते हैं। ये सुविधा रिजर्वेशन सेंटर और ऑनलाइन दोनों तरीके से बुक की गई ट्रेनों के लिए होती है।

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अगर आप अपनी यात्रा को और आगे तक बढ़ाना चाहते हैं तो इसे ट्रेन के अंदर से ही किया जा सकता है। इसके लिए आपको टिकट चेकिंग स्टाफ से संपर्क करना होगा। आप यह काम ट्रेन के उस स्टेशन पर या उससे पहले भी कर सकते हैं जहां आपका पहले उतरना तय था। बढ़ी हुई यात्रा का जो भी किराया होगा उसे टीटीई द्वारा वसूल लिया जाएगा। इसी तरह आप टीटीई से संपर्क करके अपनी यात्रा के दौरान ही श्रेणी में भी बदलाव कर सकते हैं।