लखनऊ। कोरोना संक्रमण (corona infection) की पहली और दूसरी लहर पर नियंत्रण पाने वाली योगी सरकार (yogi government) ओमीक्रान वेरिएंट (Omicron Variant) को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश में सभी जरूरी सुरक्षा उपायों पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के निर्देशों के बाद कोरोना की दूसरी लहर में गठित की गई डॉक्टरों की विशेष टीम कोरोना के इस नए वैरिएंट पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की इस कमेटी ने ओमीक्रॉन को लेकर विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कर ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जिसको ये टीम जल्द ही अधिकारियों को सौंपेगी। एसजीपीजीआई की विशेष टीम ने ड्राफ्ट में कोरोना के इस नए वैरिएंट को लेकर यूपी में बरती जाने वाली सावधानियां, इसके खतरे, टीकाकरण के बाद इसके प्रभावों के बारे में चर्चा की है।

संजय गांधी पोस्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेज (एसजीपीजीआई) के निदेशक डॉ आरके धीमान ने बताया कि नए वैरिएंट के विरूद्ध यूपी के लिए सबसे कारगर हथियार टीकाकरण साबित होगा। पिछले डेढ़ सालों में बढ़ाई गई चिकित्सीय सुविधाओं के चलते अब प्रदेश इस नए संक्रमण का सामना करने के लिए बिल्कुल तैयार है। पर्याप्त चिकित्सीय संसाधनों के कारण इस नए वैरिएंट से लडऩे में यूपी सक्षम है। उन्होंने बताया कि दूसरे देशों में ओमीक्रान के बढ़ते मामलों को देखते हुए संस्थान की ओर से इस नए वैरिएंट को लेकर अलग अलग पहलुओं पर चर्चा की गई है। इस विशेष बैठक में यह बात सामने निकलकर आई है कि ये कोरोना का नया वैरिएंट तेजी से फैलता है और इसकी संक्रमण दर भी अधिक है।

डॉ आरके धीमान ने बताया कि डॉक्टरों के आंकलन अनुसार इस नए वैरिएंट की संक्रमण दर भले ही ज्यादा हो पर यह डेल्टा की तुलना में ज्यादा खतरनाक नहीं है। उन्होंने कहा विशेषज्ञों के आंकलन के अनुसार डेल्टा की तुलना में इस नए वैरिएंट से मृत्यु दर की बढऩे की आशंका कम है। उन्होंने बताया कि तीसरी लहर के प्रकोप से बचने के लिए जल्द से जल्द टीकाकरण करने के साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद प्रदेश में एक ओर डेली मॉनीटरिंग को बढ़ाने के साथ ही निगरानी समितियां अलर्ट मोड पर काम कर रही हैं। डॉ धीमान ने बताया कि विदेश से आने वाले सभी यात्री की आरटीपीसीआर जांच कराने के साथ ही यदि कोई पॉजिटिव मरीज पाया जाता है तो उसकी जीनोम सीक्वेंसी कराई जा रही है।