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उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में संपन्न हुए विधान सभा चुनाव में विधायक चुने जाने के बाद विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। योगी अपने पिछले कार्यकाल में विधान मंडल के उच्च सदन (विधान परिषद) के सदस्य के रूप में मुख्यमंत्री पद पर कार्य किया था।
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विधान परिषद के प्रमुख सचिव डा राजेश सिंह की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गयी है। योगी ने विधान परिषद के सभापति कुंअर मानवेन्द्र सिंह को अपना इस्तीफा भेज दिया, जिसे तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया गया। डा सिंह ने बताया कि विधान परिषद की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली के नियम 233 के तहत सदन में योगी का स्थान मंगलवार से रिक्त घोषित कर दिया गया। गौरतलब है कि गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से लगातार पांच बार सांसद चुने गये योगी ने विधानसभा चुनाव में गोरखपुर सदर सीट से जीत दर्ज की।
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इससे पहले 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आठ सितंबर 2017 को विधान परिषद के सदस्य चुने गये थे। वह उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए विधानसभा चुनाव लड़ा, और चुनाव जीत कर दोबारा सत्ता पर काबिज हुए हों। विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की लगातार दूसरी जीत के बाद योगी आगामी 25 मार्च को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे। पार्टी ने इस चुनाव में उन्हें मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में भी पेश किया था। उनकी अगुवाई में लड़े गये चुनाव में भाजपा ने 403 सदस्यीय विधानसभा की 255 सीटें जीत कर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया।
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