उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव (UP assembly elections) की घोषणा के बाद योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ऐन वक्त पर करारा झटका देकर मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इसके मद्देनजर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मौर्य के इस्तीफे से आगामी चुनाव में संभावित नुकसान की भरपायी के लिये मौर्य को मनाने की कवायद तेज कर दी है। 

मंगलवार को मौर्य द्वारा मंत्री पद से और उनके करीबी विधायकों ब्रजेश प्रजापति (Brajesh Prajapati) (तिंदवारी), रौशन लाल वर्मा (तिलहर), विनय शाक्य (बिधूना) और भगवती सागर (बिल्हौर) के भी भाजपा से मोह भंग होने की घोषणा के बाद एक तरफ भाजपा ने ‘डेमेज कंट्रोल’ (BJP damage control) करना शुरु कर दिया है। वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मौर्य सहित तमाम भाजपा विधायकों के सपा में शामिल होने की अटकलों को ‘उपेक्षितों का मेल’ बताते हुये नया जुमला दिया, ‘राजनीति का मेला होबे।’ 

अखिलेश (Akhilesh Yadav) ने ट्वीट कर कहा, इस बार सभी शोषितों, वंचितों, उत्पीड़ितों, उपेक्षितों का ‘मेल’ होगा और भाजपा की बांटने व अपमान करनेवाली राजनीति के खिलाफ सपा की सबको सम्मान देने वाली राजनीति का इंकलाब होगा। बाइस में सबके मेल मिलाप से सकारात्मक राजनीति का ‘मेला होबे’। भाजपा की ऐतिहासिक हार होगी। इस बीच मौर्य के करीबी विधायक ब्रजेश प्रजापति (Brajesh Prajapati) ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को अपना इस्तीफा भेज कर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ने का ऐलान किया। 

इसके साथ ही हरकत में आये भाजपा नेतृत्व ने मौर्य को मनाने की कोशिशें तेज कर दी। मौर्य (Swami Prasad Maurya) के इस्तीफे की खबर नुमांया होते ही सबसे पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने स्वामी प्रसाद मौर्य से जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करने का सुझाव देते हुये आपस में बैठकर बातचीत करने की अपील की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है मैं नहीं जानता हूं उनसे अपील है कि बैठकर बात करें जल्दबाजी में लिये हुये फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं।’ समझा जाता है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य से संपर्क साध कर उन्हें मनाने की पहल की है। हालांकि योगी सरकार में मंत्री नंदगोपाल नंदी ने मौर्य के मंत्री पद से इस्तीफे को ‘विनाश काले विपरीत बुद्धि’ करार दिया।