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वुहान से पैदा हुए कोरोना वायरस ने सारी दुनिया में हाहाकार मचा दिया है। हाल ही में दुनिया पटरी पर आना शुरू हुई है। भारत की वैक्सीन से कोरोना को खत्म किया जा रहा है। इसी बीच वुहान के शोधकर्ताओं ने नागालैंड में रिसर्च की है। बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया कि वुहान के शोधकर्ता इबोला जैसे घातक वायरस के लिए अमेरिका, चीन और भारत ने केंद्र से पूर्व अनुमति के बिना ही घातक वायरस के लिए एंटीबॉडी ले जा रहे थे।
स्वामी ने एक ट्वीट में दावा किया कि अध्ययन के संचालित होने पर विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया था। पिछले साल फरवरी में केंद्र ने नागालैंड में किए गए चमगादड़ों और बल्ला शिकारियों के अध्ययन की जांच के आदेश दिए थे। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज (NCBS), वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, अमेरिका में स्वास्थ्य विज्ञान के यूनिफ़ॉर्मड सर्विसेज यूनिवर्सिटी और ड्यूक-नेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा अध्ययन किया गया था।
जानकारी के लिए बता दें कि अध्ययन 2017 में आयोजित किया गया था, फरवरी, 2020 में जांच का आदेश दिए गए थे क्योंकि शोधकर्ताओं में से दो वुहान संस्थान, वुहान शहर में स्थित एक संस्थान से थे, जहां से घातक कोरोना वायरस का व्यापक प्रकोप शुरू हुआ था। भाजपा सांसद ने आगे कहा कि जांच रिपोर्ट अब कैबिनेट सचिव के पास है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के पांच सदस्यीय दल ने जांच की है।
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