इस दुनिया में ज्यादातर लोग अपनी पर्सनैलिटी को लेकर बेहद पजेसिव होते हैं। ऐसे में आप जो काम अपने लिए न कर पाए हों उसे बच्चों के लिए जरूर कर सकते हैं। अट्रैक्टिव होने और पर्सनालिटी में चार चांद लगाने में हाइट की अहम भूमिका होती है। जिनकी हाइट कम होती है वो पर्सनालिटी में कमी महसूस करने के साथ असहज भी महसूस करते हैं। अक्सर कहा जाता है कि 18 साल की उम्र के बाद हाइट नहीं बढ़ती। इसका मतलब ये कि अगर आप अभी से अपने बच्चे की ग्रोथ पर ध्यान दें तो उनकी हाइट बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

बच्चे के फ्यूचर की तैयारियों के लिए उसकी पढ़ाई लिखाई सुनिश्चित करने के साथ आपको अपने बच्चे की हाइट का अंदाजा लगाना भी बहुत जरूरी है ताकि आप समय रहते हुए सही तरीके से प्लानिंग कर सकें। अक्सर देखा जाता है कि बच्चों की हाइट करीब-करीब उनके पैरेंट्स की लंबाई के आसपास होती है। वह कौन से खास तरीके हैं जिनके जरिए आप अपने बच्चे की हाइट का अंदाजा लगा सकते हैं।

ह्यूमन बॉडी यानी हमारे शरीर में पिच्यूटरी ग्लैंड ग्रोथ हॉरमोन प्रोड्यूस्ड करता है जिससे हमारी हाईट निर्धारित यानी तय होती है। कई बार हमारे शरीर में होने वाली कुछ कमियां इन ग्रोथ हार्मोन को प्रभावित करते हैं जिससे कई लोगों का कद कम होता है।

फॉर्मूला नंबर 1, इसमें आप माता और पिता दोनों की हाइट को सेंटीमीटर या फिर इंच में नापे। अगर आप अपनी बेटे की हाइट का अंदाजा लगाना चाहते हैं तो उसमें 5 प्लस करें और लड़की की हाइट में 5 घटा दे। मिलने वाली संख्या को 2 से डिवाइड कर दें। इस तरह से आप अपने बच्चे की हाइट का अंदाजा लगा सकते हैं।

इसके अलावा फार्मूला नंबर 2 काफी प्रचलित है हालांकि इसका कोई साइंटिफिक प्रूफ नहीं है। इस नियम के तहत अगर आप अपनी बेटी की हाइट का अंदाजा लगाना चाहते हैं तो जब वह 18 महीने की हो इसकी हाइट को दोगुना कर दें। वहीं अगर आप अपने बेटे की हाइट का अंदाजा लगाना चाहते हैं तो 2 साल की उम्र में उसकी जितनी भी हाइट है उसे दोगुना कर दे। इस तरह से आप अपने बेटे और बेटी की हाइट का अंदाजा लगा सकते हैं।

कुछ खास स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज और सही डाइट के जरिए आप अपने बच्चे की बढ़ती उम्र में उनकी हाइट और उनकी ग्रोथ को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। बढ़ती उम्र के बच्चों को कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिंस की जरूरत होती है। इसलिए उन्हें पोषक तत्वों से भरपूर भोजन दे। इससे ना सिर्फ उनकी हाइट बढ़ेगी बल्कि उनका सही शारीरिक विकास भी होगा।

हम पहले भी बता चुके हैं कि बच्चों की हाइट पर जीन का प्रभाव पड़ता है। यह जेनेटिक होता है। हर बच्चे की ग्रोथ अलग-अलग तरह से होती है। ऐसे में कभी भी अपने बच्चों की तुलना दूसरे के बच्चों से ना करें। क्योंकि बढ़ती उम्र में बच्चों का ना सिर्फ शारीरिक विकास होता है बल्कि उनका मानसिक विकास भी इसी दौरान होता है। ऐसे में जब भी आप उनकी तुलना दूसरों से करेंगे तो वो मानसिक रूप से कमजोर हो सकते है।

तो अगर आप इस बात से परेशान है कि आपके बच्चे की हाइट कितनी होगी? तो आप इस तरह भी उनकी हाइट का अंदाजा लगा सकते हैं। जो वैज्ञानिक तथ्य अपनी जगह सही हैं उन्हें जरूर फॉलो करना चाहिए और वो यह हैं कि सही और समुचित डाइट और प्रॉपर एक्सरसाइज से बच्चों के शारीरिक विकास में मदद की जा सकती है। आपको ये सब करने के बाद भी अपने बच्चे की हाइट को लेकर फिक्र महसूस हो रही है तो आपको फौरन योग्य डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।