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मोदी सरकार 1 अक्टूबर से लेबर कोड के नियमों को लागू कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मोदी सरकार 1 जुलाई से लेबर कोड के नियमों के लागू करना चाहती थी लेकिन राज्य सरकारों के तैयार नहीं होने के कारण इसे टाल दिया। अब मोदी सरकार 1 अक्टूबर से लागू करने का टारगेट रखा है। अगर ये नियम 1 अक्टूबर से लागू होते हैं तो आपको 12 घंटे ऑफिस में काम करते 3 दिन का वीक ऑफ यानी छुट्टी मिल सकती है। आइए जानते हैं लेबर कोड के नियमों के आने के बाद आपकी नौकरी करने का तरीका और सैलेरी कैसे बदल जाएगी
अभी ज्यदातर ऑफिसों में 8 से 9 घंटे की शिफ्ट या दफ्तर के घंटे होते हैं। नए लेबर कोड में काम के घंटे बढ़ाकर 12 घंटे करने का प्रावधान है। सप्ताह में 48 घंटे काम करना होगा। अगर कोई व्यक्ति रोजाना 8 घंटे काम करता है तो उसे सप्ताह में 6 दिन काम करना होगा। 9 घंटे काम करने पर 5 दिन हफ्ते में काम करना होगा। यदि आप 12 घंटे काम करते हैं तो हफ्ते में 3 दिन छुट्टी मिलेगी। यानी अगर आप बाकी 4 दिन सोमवार सो गुरुवार 12 घंटे काम करते हैं, तो हफ्ते में तीन दिन शुक्रवार, शनिवार और रविवार को छुट्टी मिलेगी। हालांकि, होगा।लेबर यूनियन 12 घंटे नौकरी करने का विरोध कर रही हैं।
नए ड्राफ्ट रूल के अनुसार, मूल वेतन कुल वेतन का 50% या अधिक होना चाहिए। इससे ज्यादातर कर्मचारियों की वेतन का स्ट्रक्चर में बदलाव आएगा। बेसिक सैलरी बढ़ने से PF और ग्रेच्युटी के लिए कटने वाला पैसा बढ़ जाएगा क्योंकि इसमें जानें वाला पैसा बेसिक सैलरी के अनुपात में होता है। अगर ऐसा होता है जो आपके घर आने वाली सैलरी घट जाएगी रिटायरमेंट पर मिलने वाला PF और ग्रेच्युटी का पैसा बढ़ जाएगा।
ग्रेच्युटी और पीएफ में योगदान बढ़ने से रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि में इजाफा होगा। पीएफ और ग्रेच्युटी बढ़ने से कंपनियों की लागत में भी वृद्धि होगी। क्योंकि उन्हें भी कर्मचारियों के लिए पीएफ में ज्यादा योगदान देना पड़ेगा। इन चीजों से कंपनियों की बैलेंस शीट भी प्रभावित होगी।
सरकार नए लेबर कोड में नियमों को 1 अप्रैल, 2021 से लागू करना चाहती थी लेकिन राज्यों की तैयारी न होने और कंपनियों को एचआर पॉलिसी (HR Policy) बदलने के लिए ज्यादा समय देने के कारण इन्हें टाल दिया गया। लेबर मिनिस्ट्री (Labour Ministry) के मुताबिक सरकार लेबर कोड के नियमों को 1 जुलाई से नोटिफाई करना चाहते थे लेकिन राज्यों ने इन नियमों को लागू करने के लिए और समय मांगा जिसके कारण इन्हें 1 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया।
अब लेबर मिनिस्ट्री और मोदी सरकार लेबर कोड के नियमों को 1 अक्टूबर तक नोटिफाई करना चाहती है। संसद ने अगस्त 2019 को तीन लेबर कोड इंडस्ट्रियल रिलेशन, काम की सुरक्षा, हेल्थ और वर्किंग कंडीशन और सोशल सिक्योरिटी से जुड़े नियमों में बदलाव किया था। ये नियम सितंबर 2020 को पास हो गए थे।
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