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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई (BCCI) देश की सबसे अमीर खेल संस्था है. केवल आईपीएल क्रिकेट लीग (IPL Cricket League) से ही बीसीसीआई को अरबों रुपये की आमदनी होती है. फिर भी यह संस्था टैक्स अदा नहीं करती है. बीसीसीआई को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है. हालांकि टैक्स के मामले में बीसीसीआई को कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ रही है.
बीसीसीआई का तर्क है कि चूंकि वह देश में खेल खासकर क्रिकेट का प्रचार-प्रसार कर रहा है, इसलिए उस पर टैक्स की कोई देयता नहीं बनती है.
BCCI को टैक्स विभाग के खिलाफ बड़ी जीत मिली है. इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्युनल (ITAT) ने बीसीसीआई की इस दलील को सही ठहराया है कि भले ही वह आईपीएल (IPL) के जरिए कमाई कर रहा है लेकिन इसका मकसद क्रिकेट को बढ़ावा देना है. इसलिए इस टूर्नामेंट से हुई आमदनी इनकम टैक्स छूट के दायरे में आती है. ITAT ने बीसीसीआई के तर्क को उचित ठहराते हुए उसके पक्ष में फैसला सुनाया है.
बता दें कि टैक्स डिपार्टमेंट ने 2016-17 में बीसीसीआई को नोटिस जारी किए थे. इन नोटिस में बीसीसीआई से पूछा गया था कि आईपीएल से होने वाली कमाई पर इनकम टैक्स कानून (Income Tax Act) की धारा 12 ए के तहत मिलने वाली छूट क्यों नहीं हटाई जानी चाहिए.
टैक्स डिपार्टमेंट के इस नोटिस के खिलाफ बीसीसीआई ने इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्युनल (ITAT) का दरवाजा खटखटाया था. आयकर विभाग का कहना था कि आईपीएल में मनोरंजन जुड़ा है और मनोरंजन जुड़ी गतिविधियां बिजनेस के दायरे में आती हैं.
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