
चेरापूंजी का नाम सुनते ही दिमाग में पहले सबसे ज्यादा बारिश की बात आती है। यह जगह हमेशा बादलाें से घिरी रहती है। चेरापूंजी 25.30°N 91.70°E में स्थित है। यह 1484 मीटर (4869 फुट) की औसत ऊंचाई पर स्थित है। यह खासी हिल्स के दक्षिणी हिस्से में एक पठार पर स्थित है जिसके सामने की ओर बांग्लादेश के मैदानी इलाके पड़ते हैं। यह पठार आसपास की घाटियों के ऊपर 600 मीटर की ऊंचाई पर है।
जियोग्राफी स्थिति है वजह ये मैदानों में 2 से 5 कि. मी. के सफ़र के भीतर ही अचानक समुद्र तल 1370 मी की ऊंचाई पर पहुँच जाते हैं। गहरी घाटियों वाली पहाड़ियों की जियोग्राफी कुछ ऐसी है कि नीचे-नीचे उड़ रहे वर्षा-बादल चेरापूजी के आसमान को अचानक भर देते हैं। हवाएं वर्षा बादलों को इन घाटियों से ऊपर की और तीखे ढलानों की और उठा देती हैं। तेजी से ऊपर ऊंचाई पर पहुंचे बादल तेजी से ठन्डे हो कर जम जाते हैं जिससे अचानक तेज बारिश हो जाती है।
पर्वतीय संरचना
अगस्त 1860 और जुलाई 1861 में हुर्इ थी सबसे ज्यादा बारिश
चेरापूंजी में औसतन 11,777 मिलीमीटर सालाना वर्षा होती है। इसके नाम सर्वाधिक वर्षा दर्ज करने के दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स हैं। पहला, एक साल में सर्वाधिक वर्षा अगस्त 1860 और जुलाई 1861 के बीच में 22,987 मिलीमीटर (905.0 इंच) और दूसरा, एक महीने में सर्वाधिक वर्षा जुलाई 1861 में 9,300 मिलीमीटर (370 में।
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