सर्दी के के मौसम में दिल का दौरा पड़ने का खतरा गर्मियों के मुकाबले काफी बढ़ जाता है। फ्लू होने के एक सप्ताह के भीतर दिल का दौरा पड़ने का जोखिम 6 गुना तक बढ़ सकता है, इसलिए दिल के मरीजों को इस मौसम में अपना खास ख्याल रखना चाहिए।

एक्सपर्ट्स के अनुसार जीवनशैली से जुड़ी आपकी खराब आदतें कार्डियोवस्कुलर सिस्टम को नुकसान पहुंचाती हैं। सर्दियों में हार्ट अटैक की संभावना ज्यादा होती है। एक स्टडी में शोधकर्ताओं ने पाया है कि सर्दी के मौसम में फ्लू होने पर हमारा दिल तनाव में आ जाता है, इससे हार्ट अटैक ​की स्थिति पैदा होती है।

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक शोध में श्वसन संक्रमण, खासतौर से इंफ्लूएंजा और दिल का दौरा पड़ने के बीच एक महत्वपूर्ण संबंण बताया गया है। Express.Co.Uk की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लू होने के एक सप्ताह के भीतर दिल का दौरा पड़ने का जोखिम छह गुना बढ़ सकता है। इंफ्लूएंजा दिल और वस्कुलर सिस्टम पर तनाव डालता है।

हार्ट अटैक के मामले सर्दियों में ज्यादा देखे जाते हैं। यह स्थिति सबसे ज्यादा उन लोगों के साथ बनती है, जिनकी धमनियां पहले से ही संकुचित हैं। दिल के दौरे की संभावना सबसे ज्यादा सुबह के वक्त होती है, जब तापमान सबसे कम होता है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, शरीर में किसी भी संक्रमण की स्थिति में दिल के ब्लड पंप करने की जरूरत ज्यादा बढ़ जाती है, इसलिए ​दिल पर अधिक प्रेशर पड़ता है। इसके अलावा गंभीर इंफ्लूएंजा के कारण शरीर में कम ऑक्सीजन का स्तर अनियमित दिल की धड़कन को ट्रिगर कर सकता है। ब्लड प्रेशर में कमी से मायोकार्डियल इस्किमिया हो सकता है।

फिजिकल एक्टिविटी में कमी, मानसिक दबाव, खाने-पीने की खराब आदतें और इस मौसम में होने वाले वायरल इंफेक्शन की वजह से भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।