त्रिपुरा में सीएम कौन बनेगा इसका फैसला करने के लिए बीजेपी के पर्यवेक्षक मंगलवार को त्रिपुरा जाएंगे। बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड ने नितिन गडकरी और जुअल ओराम को पर्यवेक्षक बनाया है। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को ही ये नवनिर्वाचित विधायकों की मीटिंग करेंगे और सीएम के नाम पर उनकी राय जानेंगे। जिसके बाद वह दिल्ली पीएम और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को आकर रिपोर्ट करेंगे। तब इसका ऐलान होगा कि त्रिपुरा में बीजेपी का पहला सीएम कौन बनेगा।

वैसे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बिप्लव देब का नाम सीएम पद के लिए चल रहा है लेकिन राजनीति में कब क्या मोड़ आ जाए यह कहना मुश्किल है। सूत्रों के मुताबिक यह भी चर्चा चल रही है कि जब ट्राइबल्स ने बीजेपी पर अपार भरोसा जताया है तो सीएम ट्राइबल ही क्यों ना हो। त्रिपुरा की अभी एक सीट पर वोटिंग होनी बाकी है और यह ट्राइबल सीट ही है। इधर, राम माधव ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि राज्य में 8 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जाएगा।

गौरतलब है कि त्रिपुरा में लेफ्ट फ्रंट को बड़ा झटका लगा है। यहां 25 साल से लगातार राज करने वाली लेफ्ट फ्रंट आज हाशिए पर आ गई है। उसे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने करारी मात दी है। 2018 के विधानसभा चुनाव में भगवा लहर में लेफ्ट फ्रंट का सबसे मजबूत किला ढह गया है। इस चुनाव में उसे महज 16 सीटें ही मिली हैं। वहीं बीजेपी गठबंधन (यहां बीजेपी ने आईपीएफटी के साथ गठबंधन किया है) ने 43 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है। त्रिपुरा में 41 साल बाद लेफ्ट फ्रंट का इतना बुरा हाल हुआ है।