चीन पर एकबार फिर दुनिया की गाज गिरने वाली है क्योंकि डब्ल्यूएचओ की टीम चीन का दौरा करने वाली है। विशेषज्ञों ने चीनी अधिकारियों से मुलाकात की। डब्ल्यूएचओ के ये विशेषज्ञ वुहान के फूड मार्केट में जांच करने वाले हैं जहां से कोरोना वायरस महामारी शुरू हुई थी। विशेषज्ञों की टीम अस्पतालों का दौरा करेगी साथ ही वैज्ञानिकों और कोरोना वायरस के शुरुआती रोगियों से मुलाकात करेगी।
डब्ल्यूएचओ की टीम वुहान की लैब में भी जाएगी। डब्ल्यूएचओ ने ट्वीट कर कहा कि फील्ड विजिट में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी हुनान मार्केट और वुहान सीडीसी लैब शामिल होंगी। इनमें से हुनान बाजार को कोरोनोवायरस प्रकोप का पहला बड़ा क्‍लस्‍टर माना जाता है।

वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में एक टेस्टिंग फै‍सिलिटी चल रही है। इस संस्‍थान का लेकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आखिर तक कहते रहे कि कोरोना वायरस यहीं से निकला था।

चीन इस मामले में डब्ल्यूएचओ की टीम से जांच कराने से लगातार कतराता रहा है और बड़ी मुश्किल से उसने टीम को चीन में आने की अनुमति दी है। जबकि वॉशिंगटन लगातार मजबूत और स्पष्ट जांच की मांग कर रहा है।

इसी बीच चीन ने गुरुवार को अमेरिका को राजनीतिक हस्तक्षेप न करने को लेकर चेतावनी तक दे डाली थी। इसके बाद गुरुवार की देर रात एक ट्वीट में डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडोम घेब्रेयसिस ने कहा कि उन्होंने चीन के स्वास्थ्य मंत्री मा शियाओवेई के साथ खुलकर चर्चा की थी। उन्‍होंने कहा कि मैंने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों को सपोर्ट वहां तक पहुंच और डेटा की जरूरत है। साथ ही उन्‍हें अपने चीनी समकक्षों के साथ पूरी तरह से जुड़ने का मौका भी मिलना चाहिए।

चीन के नेशनल हेल्‍थ कमीशन का कहना है कि वायरस के कारण देश में 4636 लोग मारे गए हैं। वहीं साल 2020 में देश की जीडीपी 2.3 प्रतिशत बढ़ी है और इस मुकाम तक पहुंचने वाली वह एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था है।