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भारतीय मूल की अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) (IMF) का प्रथम उप प्रबंध निदेशक (Deputy Managing Director) बनाने का फैसला किया गया है। गोपीनाथ अगले वर्ष अपनी यह नई जिम्मेदारी संभालेंगी। वह तीन वर्ष से इस वैश्विक संगठन की मुख्य अर्थशास्त्री हैं।
अपनी नई जिम्मेदारी के तहत वह आईएमएफ (IMF) की तरफ से नीतियों और शोध कार्यों पर निगरानी रखेंगी ताकि संगठन की रिपोर्टों और अन्य प्रकाशित सामग्रियों की गुणवत्ता उच्च बनी रहे। आईएमएफ की महानिदेशक क्रिस्टालिना जार्जिवा (Kristalina Georgieva) ने कहा है कि उन्हें इस बात की खुशी है कि गोपीनाथ ने यह जिम्मेदारी संभालने की स्वीकृति दे दी है। गोपीनाथ का मुख्य अर्थशास्त्री (chief economist) के पद पर तीन वर्ष का कार्यकाल अगले वर्ष जनवरी में पूरा हो रहा था और इसके बाद वह अमेरिका में पुन: अध्यापन के क्षेत्र में लौटने वाली थीं।
बता दें कि गीता ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी (Washington University) और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (Delhi School of Economics) दोनों से एमए की डिग्री के बाद 2001 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से इकॉनमी में पीएचडी की पढ़ाई की। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से आर्ट्स प्रोग्राम में अंडरग्रेजुएट की पढ़ाई की हुई है। अपनी पीएचडी पूरी करने के बाद गीता शिकागो यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस में असिस्टेंट प्रोफेसर बनीं। वह 2005 में हार्वर्ड में पहुंची और बाद में, 2010 में आइवी-लीग इंस्टिट्यूट में प्रोफेसर बनीं। गीता का जन्म कोलकाता में हुआ था लेकिन कुछ सालों के बाद उनका परिव्वर मैसूर आ गया। गीता के पिता चाहते थे कि वह इंजीनियरिंग करें या मेडिकल की फील्ड में जाएं लेकिन गीता ने इकॉनोमिक्स का रास्ता चुना। 2001 में गीता भारत लौटना चाहती थीं लेकिन उनके मेंटर्स ने उन्हें समझाया। तब से गीता अमेरिका में ही हैं। परिवार की वजह से उनका भारत आना लगा रहता है।
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