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बात-बात पर गाली देने वालों को अक्सर समाज में असभ्य कहा जाता है। साथ ही इस व्यवहार को समाज के लिए भी घातक माना जाता है, लेकिन क्या आपको पता है बात-बात पर गालियां देना ऐसा करने वाले व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद अच्छा है। कई लोगों का तर्क है कि गुस्से में गाली उनके मुंह से निकल जाती है।
लोग भले ही इन बातों को लेकर कुछ भी कहें, लेकिन साइंस कहती है कि ऐसा करने में कोई बुराई नहीं है। हाल ही में न्यूजर्सी की कीन यूनिवर्सिटी में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। स्टडी के अनुसार गाली देने से हमारे दिल को सुकून मिलता है। इतना ही नहीं स्टडी करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि गाली देने से व्यक्ति कुछ हद तक अपने गुस्से को कम कर पाता है, जिससे दिमाग शांत रहता है। स्टडी के अनुसार, गाली देने से हमारी परेशानियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
यूनिवर्सिटी ने कुछ छात्रों के गाली देने पर रिसर्च की। कुछ स्टूडेंट्स के हाथों को इस दौरान अत्यधिक ठंडे पानी में डाला गया, जो छात्र इस प्रक्रिया के दौरान गाली दे रहे थे, वो अपना हाथ ज्यादा देर तक पानी में डाले रखने में सफल रहे, जबकि जो छात्र गाली नहीं दे रहे थे उन्होंने थोड़ी देर में ही अपना हाथ पानी से बाहर खींच लिया। स्टडी के अनुसार ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अपशब्द बोलने वाले इस दौरान अपना गुस्सा लगातार निकाल रहे थे।
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