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वॉट्सअप की नई पॉलिसी अब उसके गले की फांस बनती जा रही है। दरअसल एक सर्वे में दावा किया गया है कि 28 प्रतिशत यूजर वॉट्सअप बंद करने के बारे में सोच रहे हैं। वहीं, 79 प्रतिशत यूजर ऐसे हैं जो अभी यह डिसाइड नहीं कर पा रहे हैं कि उन्हें वॉट्सऐप का इस्तेमाल जारी रखना है या बंद करना है। बता दें कि ये सर्वे साइबर मीडिया ने किया है।
यूजर्स से मिले नेगेटिव रिस्पॉन्स के कारण कंपनी को इसे मई 2021 तक के लिए टालना पड़ा है। कंपनी चाहती है कि इस दौरान यूजर वॉट्सऐप की नई प्रिवेसी पॉलिसी को अच्छे से पढ़ और समझ सकें। नई पॉलिसी को लागू करने की तारीख को आगे बढ़ाने का फैसला काफी हद तक कंपनी के पक्ष में रहा है। ऐसा न होने पर वॉट्सऐप के ऐक्टिव यूजर्स की संख्या में भारी कमी आ सकती थी। वॉट्सऐप की नई पॉलिसी से यूजर्स में कंपनी को लेकर कई तरह की सोच पैदा हो गई है। 49 प्रतिशत यूजर्स इससे काफी नाराज हैं और 45 प्रतिशत यूजर्स ने वॉट्सऐप पर कभी भरोसा न करने की बात कही है। वहीं, वॉट्सऐप यूज करने वाले 35 प्रतिशत यूजर्स ने इसे ब्रीच ऑफ ट्रस्ट यानी भरोसे का तोड़ा जाना करार दिया है।
साइबरमीडिया की रिसर्च में कहा गया है कि वॉट्सऐप और फेसबुक मेसेंजर के ज्यादातर यूजर्स थर्ड पार्टी सर्वर पर स्टोर की जा रही चैट्स को लेकर चिंतित रहते हैं। रिसर्च फर्म के अनुसार वॉट्सऐप और फेसबुक मेसेंजर के 50 प्रतिशत से ज्यादा यूजर्स को लगभग हर दिन स्पैम मेसेज मिलते हैं। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किय गया है कि सर्वे में हिस्सा लेने वाले यूजर्स में 50 प्रतिशत ऐसे थे जिन्हें अनजान नंबर से संदिग्ध मेसेज मिले थे जिनमें फिशिंग अटैक और वायरस वाले लिंक थे। फिशिंग अटैक के लिए वॉट्सऐप हैकर्स का पसंदीदा प्लैटफॉर्म है। सर्वे के मुताबिक वॉट्सऐप पर फिशिंग अटैक होने की आशंका 52 प्रतिशत है। जबकि, टेलिग्राम के लिए यह 28 प्रतिशत ही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सर्वे में हिस्सा लेने वाले यूजर्स में से 41 प्रतिशत टेलिग्राम और 35 प्रतिशत यूजर सिग्नल पर शिफ्ट होने की सोच रहे हैं।
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