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Corona के बीच Western Railway ने कई रिकॉर्ड बनाते हुए 80.72 मिलियन टन की माल ढुलाई कर दी। पश्चिम रेलवे की तरफ से कोरोना के बीच देशभर में माल और पार्सल भेजने के लिए विशेष ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। लॉकडाउन के समय में पश्चिम रेलवे ने माल ढुलाई के क्षेत्र में कई रिकॉर्ड बनाए हैं। पश्चिम रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 80.72 मिलियन टन की माल ढुलाई की है, जो पिछले साल के 77.06 मिलियन टन से 4.7% ज्यादा है। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल के मार्गदर्शन और निरंतर मॉनिटरिंग के चलते सभी बाधाओं और प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद पश्चिम रेलवे ने इस उपलब्धि को हासिल किया है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के मुताबिक कोविड महामारी को देश में आए हुए एक साल हो गया है। पश्चिम रेलवे ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को जारी रखते हुए देश की जनता के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा किया है। अप्रैल-मई 20 की अवधि के दौरान सम्पूर्ण लॉकडाउन के कारण प्रारम्भिक रूप से पिछले साल के 13.10 मिलियन टन के मुकाबले महज 8.84 मिलियन टन की माल ढुलाई की थी। लेकिन अब पश्चिमी रेलवे ने पिछले वित्तीय वर्ष की लोडिंग के लक्ष्य को पार कर लिया है।
ठाकुर ने कहा कि पश्चिम रेलवे ने आयातित कोयले में भारी गिरावट के कारण कोयले की लोडिंग में भारी कमी के बावजूद फर्टिलाइजर्स, सीमेंट, खाद्यान्न, लोहा, इस्पात, नमक और ऑटो की लोडिंग में काफी इजाफा किया है। पश्चिम रेलवे द्वारा माल ढुलाई को बढ़ावा देने के लिए की गई विभिन्न पहलों के कारण यह वृद्धि संभव हुई है। रेल मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार पश्चिम रेलवे ने माल और पार्सल के परिवहन के लिए रेलवे के साथ गठजोड़ करने वाले ट्रांसपोर्टरों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएं लागू कीं।
इसके अतिरिक्त, नए यातायात को आकर्षित करने और यातायात के मौजूदा व्यापार में रेल हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए मुख्यालय स्तर पर और सभी मंडलों में बहुउद्देशीय व्यवसाय विकास इकाइयों (BDU) का भी गठन किया गया। जिससे माल ग्राहकों को सर्वोत्तम सुविधाएं प्राप्त हुई है और माल लदान और राजस्व में वृद्धि संभव हो पाई है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि 2020-21 के दौरान, पश्चिम रेलवे ने अपनी 1027 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से 3.0 लाख टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं को देश के अन्य भागों में पहुंचाया, जिसमें मुख्य रूप से कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि शामिल हैं। इस यातायात के फलस्वरूप लगभग 108.96 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।
इस अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा 184 मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें 1.35 लाख टन से अधिक लोड का परिवहन किया गया और वैगनों का 100% उपयोग किया गया। इसी प्रकार, विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 627 कोरोना विशेष पार्सल ट्रेनों के माध्यम से 81 हजार टन से अधिक भार की सामग्री का परिवहन किया गया। इसके अलावा, 100% उपयोग के साथ 125 इंडेंटेड रेक के माध्यम से 57 हजार टन से अधिक भार की वस्तुओं का परिवहन किया गया।
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