सिलीगुड़ी। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख बिमल गुरुंग को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने छापेमारी तेज कर दी है। बुधवार को करीब एक बजे बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवानों को साथ लेकर पुलिस ने सोम चाय बागान पर धावा बोला। दार्जिलिंग शहर से दूर ग्रामीण इलाके में यह चाय बागान है। गुरुंग और उनके कुछ करीबियों के यहीं डेरा जमाए जाने की खबर मिलने के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की। हालांकि किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका। पिछले तीन दिनों से पातलेवास व सिंगमारी इलाके में लगातार छापेमारी की जा रही है। सिंगमारी में गोजमुमो का केन्द्रीय कार्यालय है जबकि पातलेवास में बिमल गुुरुंग का घर। 

सूत्रों के मुताबिक शीर्ष मोर्चा नेताओं की तलाश में हर संभावित ठिकाने पर छापेमारी की जा रही है। इस बीच बिमल गुरुंग का पिछले 10 दिनों से कोई अता पता नहीं है। हालांकि गोजमुमो के विभिन्न नेता इससे इनकार कर रहे हैं कि बिमल गुरुंग छिपे हुए हैं। एक नेता ने कहा कि गुरुंग छिपे हुए नहीं है बल्कि वह विभिन्न स्थानों पर जाकर पार्टी समर्थकों के साथ बैठकें कर रहे हैं। हालांकि यह भी सही है कि पातलेवास में नहीं है। पातलेवास से नीचे बिमल गुरुंग की ओर से चलाए जा रहे एक स्कूल में उनके रहने की बात कही जा रही थी। अब उस स्कूल में एसएसबी का कैंप है। करीब एक सप्ताह पहले पुलिस ने छापेमारी कर स्कूल खाली करा लिया था। स्थानीय लोगों की मानें तो दार्जिलिंग व उसके आसपास के इलाके में मोर्चा प्रमुख पिछले 10 दिनों से नहीं दिखे हैं। 

हाल में गोजमुमो की ओर से पार्टी प्रमुख के नाम से जो प्रेस विज्ञप्तियां जारी हो रही है उनमें भी बिमल गुरुंग के हस्ताक्षर नहीं है। माना जा रहा है कि गुरुंग की सलाह पर गोजमुमो के दूसरे नेता उनके नाम से प्रेस विज्ञप्तियां जारी करते हैं। सूत्रों के मुताबिक मोर्चा प्रमुख के सिक्किम में होने की संभावना है। एक दो दिन के अंदर सिक्किम पुलिस से भी संपर्क किया जाएगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहाड़ की समस्या को लेकर 29 अगस्त को कोलकात में सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इससे पहले भी पुलिस ने गोजमुमो के शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी के लिए दबिश बढ़ा दी थी। 

विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक से पहले पुलिस मोर्चा प्रमुख बिमल गुरुंग व उनके करीबियों को दबोचना चाहती है। सरकार ने पुलिस को खुली कार्रवाई की छूट दे रखी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि बिमल गुरुंग के साथ ही उनके करीबियों दावा लोप्चा, बारुद थापा, सरोज थापा, बण सुब्बा सहित आधा दर्जन लोगों को पुलिस तलाश रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक बिमल गुरुंग के साथ उनके सबसे करीबी सहयोगी पुलिस की लिस्ट में हैं। इनमें प्रवीण सुब्बा,सरोज थापा,दावा लोप्चा व बारुद थापा शामिल है। 

सरोज थापा गुरुंग के सलाहकार हैं जबकि प्रवीण सुब्बा को उनका दाहिना हाथ माना जाता है। प्रवीण सुब्बा का घर भी बिमल गुरुंग के घर के पास है। यहां भी पुलिस ने कई बार छापेमारी की। इसी तरह से दावा लेप्चा व बारुद थापा भी हमेशा गुरुंग के साथ ही रहते हैं। दावा लेप्ता का घर कालिम्पोंग के पेदोंग व बारुद थापा का घर बमबस्ती में है। इनके यहां भी लगातार पुलिस और सीआरपीएफ दस्तक दे रही है। 

हाल ही में दार्जिलिंग व कालिम्पोंग में बम विस्फोट की घटना के बाद पुलिस ने गुरुंग के साथ जिन गोजमुमो कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, उनमें प्रवीण सुब्बा का नाम भी शामिल है। बम विस्फोट की घटना के बाद पुलिस ने पहली बार यूएपीए धारा के तहत बिमल गुरुंग व उनके सहयोगी प्रकाश गुरुंग, प्रवीण सुब्बा के खिलाफ मामला दर्ज किया है।