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रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने एक विधेयक पर हस्ताक्षर किया जिससे 2024 से शुरू हो रहे दो और कार्यकाल के लिए अनुमति देने वाला कानून अस्तित्व में आ गया। इस विधेयक को पिछले माह ही संसद में मंजूरी मिल गई थी। सोमवार को पुतिन के हस्ताक्षर के बाद इस कानून को कानूनी जानकारियों वाले आधिकारिक पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया।
पुतिन का कार्यकाल 2024 तक रहने वाला था लेकिन पिछले साल जन समर्थन के साथ रूस के संविधान को बदल दिया गया। अब विधेयक पर हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन गया है। इसके बाद यदि चुनाव में पुतिन जीतते हैं तो 2036 तक पद पर राष्ट्रपति बने रह सकते हैं।पिछले साल सांसदों ने तय किया था कि पुतिन के निजी कार्यकाल को शून्य माना जाएगा। इस प्रस्ताव को कई लोकलुभावन आर्थिक बदलावों के साथ रेफरेंडम के लिए पेश किया गया। इस वोटिंग में पुतिन ने 78% वोटों के साथ जीत हासिल की। हालांकि, आरोप लगे कि इन चुनावों में नियमों का उल्लंघन किया गया, लोगों ने कई-कई बार वोट डाले, मालिकों ने अपने कर्मचारियों को वोट डालने को मजबूर किया। क्रेमलिन के विरोधियों ने इसे पुतिन की साजिश भी कहा।
इस कानून में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रपति पद के लिए योग्य रूस के किसी भी नागरिक की उम्र 35 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए, देश में 25 साल से अधिक समय से रह रहा हो साथ ही किसी दूसरे देश की स्थायी नागरिकता कभी न मिली हो। यह जानकारी स्थायी न्यूज एजेंसी TASS ने दी।
बोरिस येल्टसिन के इस्तीफे के बाद पुतिन ने पहली बार 2000 में राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद वह 2004 में दोबारा जीते और 2008 में प्रधानमंत्री बन गए जब दिमित्री मेदवेदेव राष्ट्रपति थे। 2012 में पुतिन 6 साल के लिए राष्ट्रपति पद पर लौटे और मेदवेदेव पीएम हुए। वह साल 2018 में चौथे कार्यकाल के लिए लौटे लेकिन बिना संवैधानिक संशोधन के 2024 में लौटना मुश्किल था।
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