पाकिस्तान के क्रूर ईशनिंदा (Pakistan's cruel blasphemy law)  कानून की इन दिनों दुनियाभर में चर्चा हो रही है. हाल ही में एक श्रीलंकाई नागरिक की कथित ईशनिंदा मामले (Alleged blasphemy case  में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. व्यक्ति की हत्या के बाद कट्टरपंथियों (fundamentalists) ने उसके शव को आग के हवाले कर दिया. इसे लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार की दुनियाभर में आलोचना की गई. वहीं, अब पाकिस्तान से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जो ईशनिंदा के (exposes the violent and chaotic face of Pakistan in the matter of blasphemy) मामले में पाकिस्तान के हिंसक और अराजक चेहरे को उजागर करता है. ये वीडियो इस्लामाबाद (Lal Masjid of Islamabad) की लाल मस्जिद का बताया गया है.

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि युवा छात्राओं को सिखाया जा रहा है कि अगर कोई धर्म का अपमान करता है तो उस व्यक्ति का सिर कैसे काटना है. वीडियो के बैकग्राउंड में कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान का नारा भी लाउडस्पीकर पर बज रहा है. ये वही नारा है, जिसे TLP के समर्थक सियालकोट में श्रीलंकाई फैक्ट्री मैनेजर प्रियंता कुमारा दियावदाना की पीट-पीटकर हत्या करने और शव को जलाने के दौरान लगा रहे थे. हाल ही में पाकिस्तान सरकार और TLP के बीच शांति समझौता हुआ था. इस समझौते से पहले TLP ने पाकिस्तान में जमकर उत्पात मचाया था.

इस वीडियो को पाकिस्तानी पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गुल बुखारी ने ट्वीट किया है. उन्होंने दावा किया, इस्लामाबाद में लाल मस्जिद के छात्र ईशनिंदा के आरोपी व्यक्ति का सिर काटने की प्रैक्टिस कर रहे हैं. पाकिस्तान का ‘कामयाब जवान’ (सक्सेसफुल यूथ) प्रोजेक्ट अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है. वीडियो में सैकड़ों लड़कियां और महिलाएं धार्मिक परिधानों में नजर आ रही हैं. लड़कियों के सामने महिलाएं तलवार से पुतले का सिर काटती नजर आ रही हैं. ‘कामयाब जवान’ पाकिस्तान सरकार की एक योजना है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह युवाओं के लिए शिक्षा, रोजगार और जुड़ाव को बढ़ावा देती है.