भारत के पड़ोसी मुस्लिम देश बांग्लादेश में हिंदुओं (Hindus in Bangladesh) का जीना मुश्किल हो चुका है। यहां दुर्गा पूजा के मौके पर पंडालों और मंदिरों में तोड़फोड़ के बाद हिंंदुओं के खिलाफ हिंसा का दौर लगातार जारी है। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा (Violence Against Hindus in Bangladesh) का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी बांग्लादेशी हिंदू उत्पीड़न का शिकार होते रहे हैं।

पिछले 9 सालों में बांग्लादेश में हिंदुओं के 3,721 घरों और मंदिरों में तोड़फोड़ हुई है। ढाका ट्रिब्यून ने आइन ओ सालिश केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार बीते 5 सालों में 2021 सबसे खतरनाक रहा है। इस साल हिंदू समुदाय (Hindu Community) पर बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हमले हुए हैं। बांग्लादेश में कट्टरपंथी तत्व पिछले कुछ सालों में तेजी से मजबूत हुए हैं और अब तक 1,678 हमले कर चुके हैं।


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बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदुओं को अपने धर्म के पालन करने और जीवनयापन करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हिंदुओं के मंदिरों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हाल ही में नवमी के दिन कमिला इलाके में हिंदू मंदिरों (Hindu Temple) और दुर्गा पूजा के पंडालों में तोड़फोड़ की गई थी। इस दौरान करीब 4 घंटे तक कट्टरपंथियों ने उपद्रव किया था। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी और 22 जिलों में तनाव के चलते सेना को तैनात करना पड़ा था।

बीते 9 सालों में बांग्लादेश में हिंदुओं की सबसे बुरी स्थिति 2014 में रही। उस समय हिंदू समुदाय (Hindu community in bangladesh) के 1,201 घरों में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की। अब तक मुस्लिम कट्टरपंथी तत्वों ने 196 घंरों, ट्रेडिंग सेंटर्स, मंदिरों और मठों को नुकसान पहुंचाया है। यही नहीं कई जगहों पर देवी-देवताओं की प्रतिमाओं से तोड़फोड़ भी की गई है।