आज यानि Vijay Diwas का दिन भारत की वीरता का परिचायक है। आज से ठीक 50 साल पहले भारत के वीर जवानों ने अपने अदम्य साहस और पराक्रम के दम पर पाकिस्तान को धूल दी थी। बांग्लादेश मुक्ति संघर्ष के बाद आज के ही दिन बांग्लादेश बना था। 1971 में देश के शूरवीरों ने पाकिस्तानी सेना को हराकर विजय पताका फहराई थी। विजय दिवस हमारे देश के सैनिकों की वीरता को सलाम करने वाला खास दिन है।

विजय दिवस की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) बांग्लादेश में होने वाले कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद की ओर से भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सम्मान में एक भोज दिया गया। इसके साथ ही राष्ट्रपति कोविंद ने एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी शिरकत की।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 1971 में आज ही के दिन भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था। विजय दिवस पर देश के उन सभी वीर जवानों को नमन, जिनकी बहादुरी और वीरता हम सभी को गौरवान्वित करती है।3 दिसंबर 1971 को युद्ध की शुरुआत हुई थी। लेकिन 13 दिन में ही भारत के रणबांकुरों के आगे पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए थे। महज 13 दिन में इंडियन आर्मी-नेवी और एयरफोर्स ने पाकिस्तान की कमर तोड़कर रख दी। जनरल सैम मानेकशॉ की अगुवाई वाली इंडियन आर्मी के सामने 16 दिसंबर को पाकिस्तान आर्मी के 93000 सैनिकों ने ढाका में सरेंडर कर दिया। पाकिस्तान दो टुकड़ों में बंट गया और एक नए देश बांग्लादेश का जन्म हुआ।