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नई दिल्ली। घर में प्रत्येक चीज वास्तु शास्त्र के अनुसार ही होनी चाहिए ताकि किसी तरह की दुविधा उत्पन्न नहीं हो। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि घर की प्रत्येक चीज सही होने के बावजूद आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। ऐसा वास्तु दोष के कारण भी हो सकता है। एक दोषा घर में बना बाथरूम या टॉयलेट भी हो सकता है। वास्तु शास्त्र में बाथरूम-टॉयलेट बनवाने के कई नियम बताए गए हैं। ऐसे में यदि आप भी अपना घर बनवा रहे हैं अथवा बाथरूम को नया करवा रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है ताकि घर से नकारात्मक ऊर्जा को बाहर करने व सकारात्मक ऊर्जा आने के लिए बाथरूम से जुड़े ये खास वास्तु टिप्स-
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1. बाथरूम कभी भी उत्तर-पूर्वी दिशा में नहीं होना चाहिए। यह भी दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए।
2. बाथरूम या शौचालय में कभी भी बर्तन या तांबे से बनी कोई वस्तु न रखें।
3. नल आग्नेय कोण में नहीं होना चाहिए।
4. बाथरूम में शीशा न रखें।
5. शौचालय और बाथरूम को क्लब नहीं करना चाहिए। नहाने का स्थान और शौचालय स्वच्छ होना चाहिए। स्नान स्थल पवित्र होता है। इसलिए इसमें कमोड न लगाएं।
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6. बाथरूम को सीढ़ियों के नीचे नहीं बनाएं।
7. बाथरूम को उत्तर दिशा में रखें। बाथरूम को साफ सुथरा रखें।
8. सारे शैम्पू और साबुन को एक जगह रखें।
9. बाथरूम का फर्श ज्यादा चमकदार नहीं होना चाहिए।
10. बाथरूम की दीवारों को समुद्र के रंग से रंगें।
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