नई दिल्ली। होली का त्योंहार पूरे भारत देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के 3 गांव ऐसे हैं, जहां पिछले 300 सालों से होली कभी नहीं मनाई गई. इन तीनों ही गांवों के लोगों ने 2 बार होली की कोशिश की लेकिन होली मनाते ही यहां गंभीर बीमारी फैल गई और इंसानों के साथ-साथ जानवर भी मारे गये. अब ग्रामीणों ने होली मनाना छोड़ ही दिया है. लगभग तीन सौ से अधिक सालों से इन गांवों के लोगों ने होली नहीं मनाई है.

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ये हैं रूद्रप्रयाग के 3 गांव

क्वीली, कुरझण और जोंदला नाम के रुद्रप्रयाग जनपद के 3 गांव हैं. यहां आज तक कभी होली नहीं मनाई गई. होली न मनाने के पीछे की वजह भूम्याल देवता और कुलदेवी द्वारा दिया गया श्राप है. ग्रामीण के अनुसार गांव के भूम्याल देवता भेलदेव हैं. जबकि कुल देवी मां नंदा और त्रिपुरासुंदरी हैं.

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नाराज हो जाते हैं ये देवी और देवता

माना जाता है कि इन गांव में कोई होली मनाता है तो भूम्याल देवता और देवी नाराज हो जाते हैं. इसके बाद गांव के इंसानों और जानवरों में बीमारी फैल जाती है जिसकी वजह से वो अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं. यहां पर कई वर्षों पहले ग्रामीणों ने होली मनाने का प्रयास किया था, लेकिन तब गांव में हैजा फैल गया था और कई लोग मर गये थे. तभी यहां के ग्रामीणों ने होली मनाना छोड़ दिया है.