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उत्तराखंड के चामोली जिले में ग्लेश्यिर के फटने से भंयकर तबाही आ गई है। ग्लेश्यिर फटने से चामोली का तपोवन हाइड्रो प्रोजेक्ट पूरा टुट गया है और गंगा नदी में उफान आ गई है। इसमें बताया गया है कि 203 से ज्यादा लोग लापता हो चुके हैं और रैसक्यू टीम के द्वारा कम से कम 25 लोगों को बचा लिया गया है। इस घटना पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि तपोवन प्रोजेक्ट का काम चल रहा था, इसमें बड़ी संख्या में श्रमिक काम कर रहे थे।
सीएम ने जानकारी दी है कि अब तक 11 शव बरामद हुए हैं और 203 लोग लापता हैं। मैंने अपने मुख्य सचिव को बोला है कि यहां मौजूद ISRO के वैज्ञानिकों की मदद से ग्लेशियर टूटने के कारणों को ढूंढा जाए ताकि भविष्य में हम एहतियात बरत सकें। गढ़वाल क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से पानी का गुबार इतना भीषण था कि तपोवन का बांध पूरी तरह बिखर गया है। तपोवन एक झील जैसा बन गया है। ताबही से निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
चमोली में रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ सड़क संपर्क टूट जाने की वजह से कुछ जगहों पर पीड़ितों तक चॉपर से खाना पहुंचाया जा रहा है। चमोली पुलिस ने बताया कि टनल में फंसे लोगों को जेसीबी की मदद से टनल से निकाला जा रहा है। इसी तरह से जोशीमठ ग्लेशियर हादसे में अब तक 15 लोग रेस्क्यू कर लिया गया है और 14 लाशें बरामद की गई हैं। बताया जा रहा है कि टलन में करीब 30 लोगों के फंसे होने की खबर है।
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