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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) की जल संरक्षण (water conservation) की मुहिम ने प्रदेश को देश में पहले पायदान पर पहुंचा दिया है। केंद्रीय जल मंत्रालय (Union Ministry of Water) ने शुक्रवार को यूपी को राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2020 (National Water Award 2020) के तहत विभिन्न श्रेणियों में पांच पुरस्कार दिए हैं। सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी में प्रदेश को पहला स्थान मिला है। जबकि राजस्थान और तमिलनाडु को सर्वश्रेष्ठ राज्य (सामान्य) श्रेणी में क्रमश: दूसरा और तीसरा पुरस्कार मिला है।
मंत्रालय (Union Ministry of Water) की ओर से राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की स्थापना 2018 में की गई थी। इसका उद्देश्य देश भर में राज्यों, जिलों, व्यक्तियों और संगठनों द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों और प्रयासों को मान्यता देने और प्रोत्साहित करने के लिए किया गया था। मंत्रालय की ओर से 57 पुरस्कारों की घोषणा 11 श्रेणियों में की गई है, जिनमें सर्वश्रेष्ठ राज्य, जिला, पंचायत और सर्वश्रेष्ठ उद्योग शामिल हैं। उत्तर भारत के सर्वश्रेष्ठ जिले के रूप में मुजफ्फरनगर जिला चयनित हुआ है। इसी तरह प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बलुआ को उत्तर भारत में सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत का पुरस्कार मिला है।
केंद्र सरकार ने सिंचाई, वाटर मैनेजमेंट भूगर्भ जल, लघु सिंचाई व नदियों के प्रबंधन के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के आधार पर नेशनल वॉटर अवार्ड 2020 (National Water Award 2020) घोषित किया है। केंद्र सरकार की टीम छह राज्यों के दौरे पर उत्तर प्रदेश आई थी। जहां 11 बिंदुओं पर निरीक्षण करने के बाद केंद्र सरकार की एक कमेटी ने तय किया और उसी आधार पर उत्तर प्रदेश को देश में पहला स्थान दिया गया। इसके अलावा जनपद स्तर के भी कई पुरस्कारों में उत्तर प्रदेश को पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। इनमें माइक्रो इरिगेशन, ड्रिप इरिगेशन, बाढ़ प्रबंधन बंधीया व नहर निर्माण को मिलाकर जल प्रबंधन के क्षेत्र में जितने भी उत्कृष्ट कार्य हुए, इन समस्त कार्यों के आधार पर यह पुरस्कार घोषित किया गया है। इसलिए यह यूपी के लिए बड़ा पुरस्कार है।
नदियों को प्रदेश में प्रदूषण मुक्त करने की सीएम योगी की मुहिम का नतीजा है कि प्रदेश की प्रमुख नदियों के जल की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। सरकार की ओर से नदियों में प्रदूषण को रोकने और जल संरक्षण (water conservation) की दिशा में कड़े कदम उठाए। सरकार ने राज्य में 3298.84 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) के 104 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किए हैं। इस पहल से नदियों की धाराएं निर्विघ्न और शुद्ध हो गई हैं। नदियों में गिरने वाले नालों को बंद कर दिया गया है। केंद्र सरकार के नमामि गंगे कार्यक्रम (Namami Gange Program) के तहत हर घर नल योजना के प्रथम चरण में 18 लाख से अधिक परिवारों को जलापूर्ति से जोडऩे की तैयारी पूरी कर ली है। एक बार जलापूर्ति चालू हो जाने के बाद, बुंदेलखंड और विंध्याचल क्षेत्रों के सैकड़ों गांवों में रहने वाले लाखों ग्रामीणों को उनके घरों में पीने का साफ पानी मिलेगा, जिससे जलजनित बीमारियों का खतरा भी कम हो जाएगा, जो कि पानी नहीं होने के कारण अतीत में सामने आ चुके हैं।
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