
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में काफी धूमधाम से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह बुरी तरह फेल हो गया है। पार्टी को 0.4 प्रतिशत वोट शेयर और शून्य सीटें हासिल हुई हैं।
ये भी पढ़ेंः 1 मार्च को इस राज्य में गए अमित शाह, और 10 मार्च को जीत गई BJP
अपने विवादास्पद भाषणों और दावों से राज्य की राजनीति में तहलका मचाने वाले एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, हाई-ऑक्टेन ‘बुलडोजर’ अभियान के दौरान अल्पसंख्यकों को अपने पक्ष में ध्रुवीकरण करने का अवसर मिलने के बावजूद ‘एक मक्खी भी हिलाने’ में विफल रहे हैं। 2017 में, एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश में 38 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन हिंदी भाषी क्षेत्र में वह अपना खाता खोलने में विफल रही थी, हालांकि उसे लगभग 2 लाख वोट मिले थे। इस बार उसे 22.3 लाख वोट मिले हैं और उसके वोट शेयर में मामूली वृद्धि हुई है।
ये भी पढ़ेंः UP Election 2022 Results: योगी के दोबारा सीएम बनने पर यूपी छोड़ने की घोषणा करने वाले मुनव्वर को दोहरा आघात, जानिए
एआईएमआईएम आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट जीतने के लिए आश्वस्त थी, जहां उसने बसपा के पूर्व नेता गुड्डू जमाली को मैदान में उतारा था। हालांकि, जमाली उस सीट से हार गए जहां बुनकरों, प्रवासी श्रमिकों और इस्लाम के विभिन्न स्कूलों के लोगों के समुदायों की एक बड़ी आबादी है। एक बुजुर्ग मुसलमान मोहम्मद इशाक ने कहा, उत्तर प्रदेश में मुसलमान ओवैसी की राजनीति के ब्रांड के लिए तैयार नहीं हैं। वह ध्यान खींचने वाला हो सकता है लेकिन वोट पकडऩे वाला नहीं है। उसे पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति को समझने की जरूरत है जो हैदराबाद से अलग है।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |