US Navy ने चौंकाने वाला खुलासा किया है जिसके तहत उसने भारतीय सीमा में घुसकर युद्धाभ्यास करने की बात कही है। अमेरिकी नौसेना ने ऐलान किया कि उसने यह अभ्यास भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र में बिना किसी पूर्व अनुमति के किया है। अमेरिका ने इसके लिए समुद्र में आवाजाही की स्वतंत्रता के नियम की दलील दी है।

अब अमेरिकी नौसेना के इस ऐलान के बाद भारत इस बात की जांच कर रहा है कि ऐसा कोई अभ्यास किया गया है या नहीं। हालांकि भारत की तरफ से कहा गया है कि यदि यह सामान्य आवाजाही थी तो दिक्कत की बात नहीं। हम सामान्य आवाजाही को लेकर आपत्ति नहीं जताते हैं लेकिन अगर ये बिना सूचना के ऑपरेशनल एक्सरसाइज थी तो इस मामले को उठाया जाएगा।

अमेरिका की तरफ से 7 अप्रैल 2021 को जारी किए गए आधिकारिक बयान के मुताबिक, अमेरिकी युद्धपोत यूएसएस जॉन पॉल जोन्स, समुद्र में आवागमन की स्वतंत्रता के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए लक्षद्वीप के पश्चिम से 130 नॉटिकल मील की दूरी तक पट्रोलिंग की थी। ये भारत का विशेष आर्थिक क्षेत्र है। बयान में कहा गया कि ये पट्रोलिंग भारत से पूर्व अनुमति लिए बिना की गई। अमेरिकी नौसेना ने कहा कि भारत अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र या महाद्वीपीय शेल्फ में सैन्य अभ्यास के लिए पूर्व अनुमति लेने की बात कहता है जो अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है।

पिछले साल, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका की नौसेनाओं (क्वॉड देशों) ने मालाबार अभ्यास किया था। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका की तरफ से इस तरह के बयान जारी किए जाना हैरान करने वाला है।

भारतीय कानून के मुताबिक, भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र या भारतीय समुद्री क्षेत्र में 200 किमी नॉटिकल मील की दूरी में किसी भी तरह की गतिविधि के लिए पूर्व अनुमति लेना जरूरी है। इससे पहले, भारतीय सीमा में शोध के नाम पर आए कई चीनी जहाजों को ट्रैक किए जाने के बाद वापस भेजा जा चुका है।

अमेरिका की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया है, फ्रीडम ऑफ नैविगेशन ऑपरेशन (“FONOP”) में अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार समुद्र में स्वतंत्रतापूर्वक आवागमन करने के अधिकार का इस्तेमाल किया है और इसके जरिए भारत के समुद्री क्षेत्र के दावे को चुनौती दी गई है।

अमेरिकी नौसेना ने बयान में कहा, हमारी सेना हिंद प्रशांत क्षेत्र में नियमित तौर पर अभ्यास करती है. सभी ऑपरेशन अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत किए गए हैं. इससे हम ये दिखाना चाहते हैं कि जहां तक अंतरराष्ट्रीय कानून इजाजत देता है, अमेरिका उसके हिसाब से उड़ान भरेगा, समुद्री यात्रा करेगा और ऑपरेट करेगा.

बयान में अमेरिकी नौसेना ने कहा, हम नियमित तौर पर ऐसे ऑपरेशन करते रहते हैं, अतीत में भी हमने ऐसा किया है और भविष्य में भी करते रहेंगे. समुद्र में आवाजाही की स्वतंत्रता केवल किसी एक देश तक सीमित नहीं है और ना ही ये कोई राजनीतिक बयानबाजी है.