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पूर्वी चीन सागर में ड्रैगन की बढ़ती गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए अमरीका-जापान फिर साथ आ गए हैं। दोनों देशों ने हाल ही संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। कीन स्वार्ड नामक युद्धाभ्यास में अमरीका के एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस रोनाल्ड रीगन और जापान का हैलीकॉप्टर कैरियर के अलावा बड़ी संख्या में युद्धपोत हिस्सा ले रहे हैं। दोनों देशों की सेनाएं जल-थल और नभ में एक साथ युद्धाभ्यास में जुटी हैं।
बताया जा रहा है कि जापान के टॉप सैन्य कमांडर जनरल कोजी यामाजाकी ने कहा कि जापान के चारों ओर सुरक्षा स्थिति गंभीर हो गई है। इसीलिए यह युद्धाभ्यास हमें जापान-यूएस गठबंधन की ताकत का प्रदर्शन करने का अवसर देता है। वे खुद जापान के कागा हैलीकॉप्टर कैरियर पर मौजूद होकर युद्धाभ्यास की निगरानी कर रहे हैं। कागा हैलीकॉप्टर कैरियर हाल ही हिंद महासागर में भारत के साथ युद्धाभ्यास कर वापस पूर्वी चीन सागर लौटा है।
बताया जा रहा है कि कीन स्वॉर्ड युद्धाभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच हर दो साल में एक बार होता है। इसमें अमरीका और जापान के युद्धपोत, सैकड़ों विमान और 46,000 सैनिक, नाविक और मरीन कमांडो शामिल होते हैं। 5 नवंबर तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में पहली बार साइबर और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।इस बार युद्धाभ्यास में जापान का सबसे बड़ा नौसैनिक जहाज कागा हैलीकॉप्टर कैरियर भी हिस्सा ले रहा है। 248 मीटर लंबे हैलीकॉप्टर कैरियर पर ही अमरीका से खरीदे जा रहे एफ-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान की तैनाती की जाएगी।
जापान के नए प्रधानमंत्री बने योशिदे सुगा के कार्यकाल में यह पहला युद्धाभ्यास हो रहा है। हाल ही उन्होंने चीन के खिलाफ क्वॉड की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि जापान समुद्र में कानून के संरक्षण का लगातार समर्थन करता रहा है। उन्होंने यह भी कहा था कि हम दक्षिण चीन सागर में किसी भी तनाव को भडक़ाने वाली कार्रवाई का समर्थन नहीं करते हैं।
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