सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 809वें सालाना उर्स शुरू हो गया है। कल चांद नजर नहीं आया, इसका मतलब है कि उर्स विधिवत शुरू हो गया है। मौलवियों द्वारा बताया जाता है कि चांद नहीं दिखने पर खिदमत के बाद बंद किया गया जन्नती दरवाजा आज तड़के फिर खोल दिया जाएगा। अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा साहब की दरगाह का सालाना उर्स अगले शुरू होने जा रहा है। मतलब उर्स की शुरूआत जन्नती दरवाजे के खुलने से हो जाएगी।


उर्स पर कोरोना का काला साया नहीं है। जायरीन व खुद्दाम अच्छी आशा लेकर चल रहे हैं। खुद्दाम ए ख्वाजा की ओर से जायरीन ए ख्वाजा के लिए उर्स का कार्यक्रम शुरू कर दिया है। कल रजब महीने का चांद नजर आ गया और रात से ही उर्स की रस्मों का आगाज शुरू हो गया। अब अजमेर दरगाह पर प्रतिदिन मजार शरीफ को गुस्ल देने और महफिल की रस्मों का आगाज हो किया जाएगा। बता दें कि 19 फरवरी को गरीब नवाज की छठी होगी और इसी दिन कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन होगा और जन्नती दरवाजा बंद कर दिया जाएगा।


दरहाग प्रशासन ने बताया कि बड़े कुल की रस्म 22 फरवरी को अदा की जाएगी। खुद्दाम-ए- ख्वाजा की ओर से बड़े कुल की फातिहा होगी और उर्स का विधिवत समापन होगा। खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के उर्स कनवीनर सैयद मुसाबिर ने बताया कि सायं रौशनी के बाद ख्वाजा साहब के दरगाह के पीछे पहाड़ स्थित पीर साहब की पहाड़ी से तोप दागकर, शादियाने एवं नगाड़े बजाकर उर्स के आगाज मुनादी की जाएगी और इसी के साथ उर्स की धार्मिक रस्में भी शुरू हो जाएगी।