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कोरोना की दूसरी लहर के चपेट में हर कोई आ रहा है। पुलिसवाले भी इससे अछूते नहीं है। बिहार में कोरोना का कहर पुलिसकर्मियों पर जमकर बरस रहा है। इस साल अब तक 202 पुलिसकर्मी संक्रमित हो चुके हैं और 5 पुलिसकर्मियों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी है। बीते 2 दिनों में ही 3 अफसर करोना की जंग हार गए हैं। फैलते संक्रमण को देखते हुए पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह और मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज ने पुलिसकर्मियों के लिए बेहतर इलाज की मांग की है। वहीं पुलिसकर्मियों में संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद पुलिस मुख्यालय हरकत में आ गया है।
पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि जिन भी पुलिसकर्मियों को कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं और फौरन इसकी जांच कराएं। जबतक रिपोर्ट नहीं आती वो होम क्वारंटीन में रहें। इसी के ही साथ कोरोना संक्रमित पुलिस पदाधिकारियों और जवानों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए रेंज आईजी-डीआईजी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।
पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि पुलिसकर्मियों में बढ़ते संक्रमण को कम करने के लिए सभी सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। इसके तहत यदि कोई पुलिस अधिकारी या कर्मी कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उसे बेहतर इलाज मिलना चाहिए। उसके इलाज की जिम्मेदारी के लिए रेंज आईजी-डीआईजी को नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। वहीं पुलिस मुख्यालय के स्तर पर आईजी नोडल पदाधिकारी होंगे। उनके सहयोग के लिए डीआईजी, एआईजी और डीजी कंट्रोल रूम के डीएसपी की प्रतिनियुक्ति की गई है।
पुलिस मुख्यालय में कोरोना के बहुत सारे मामले सामने आ चुके हैं। जिसको देखते हुए डीजीपी एस के सिंघल ने मुख्यालय में सतर्कता बढ़ा दी है। मुख्यालय के सभी विभागों में एक नोडल पदाधिकारी बनाने का फैसला लिया है। ये नोडल पदाधिकारी अपने विभागों में औचक निरीक्षण करेंगे। यदि कोई संक्रमित पाया जाता है तो उस पर एसओपी के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इसकी सूचना डीजीपी कंट्रोल रूम को देंग। मुख्यालय में साफ कह दिया गया है कि मास्क सभी के लिए जरूरी हैं और सभी लोग मास्क जरूर लगाएं।
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