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शिक्षक दिवस पर दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस को कानून व्यवस्था का पाठ पढ़ाया। दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से 2 महीने से लापता लड़की को खोजने में नाकाम यूपी पुलिस के सामने लड़की को बरामद कर पुलिसिंग की सीख दी। खास बात यह है कि 60 दिन बाद भी नाकामी का दाग लेकर घूम रही उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने दिल्ली पुलिस ने 2 दिन में लडक़ी को ढूंढ कर सामने ला दिया।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कई आला अफसरों और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के यहां तक फरियाद लगा चुकी लडक़ी की मां ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर कड़ी फटकार लगाई थी। उत्तर प्रदेश पुलिस को हिदायत भी दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने केस से जुड़े कागजात दिल्ली पुलिस को देने का निर्देश दिया था। दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश वाले दिन ही इस केस पर काम शुरू कर दिया। मालवीय नगर के इंस्पेक्टर पंकज सिंह ने गोरखपुर पुलिस से सम्पर्क कर दस्तावेज अपने पास मंगवा लिए।
पुलिस उपायुक्त दक्षिण दिल्ली अतुल ठाकुर ने बताया कि गोरखपुर के बेलीपार थाने में 8 जुलाई को नाबालिग लडक़ी के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। तब से लडक़ी की तलाश जारी थी लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस को सफलता नहीं मिली थी। गोरखपुर पुलिस से संबंधित दस्तावेज लेने के बाद दिल्ली पुलिस ने तकनीकी टीम के साथ छानबीन कर सुराग ढूंढे। इसके आधार पर दिल्ली पुलिस की टीम कोलकाता पहुंची। वहां लडक़ी आकाश नामक लडक़े के घर से बरामद हुई। कोलकाता के मुल्लावाड़ा इलाके से आरोपी आकाश को भी गिरफ्तार कर लिया गया। दिल्ली पुलिस ने लडक़ी की बरामदगी की सूचना फौरन सुप्रीम कोर्ट को दी, जिसके बाद मामले की सुनवाई कर रही खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि कोर्ट के सामने तमाम सबूतों के साथ लडक़ी की मेडिकल रिपोर्ट पेश करें। उसके बाद लडक़ी को परिवार को सौंप दिया जाए।
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