उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) से पहले केंद्र किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए राज्य को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (Central Armed Police Forces) की 150 कंपनियां मुहैया करा रहा है। केंद्र नहीं चाहता कि चुनाव के दौरान कोई अप्रिय घटना हो। राज्य को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षा मुहैया कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।चुनाव आयोग ने शनिवार को यूपी में 10 फरवरी से 7 मार्च तक छह चरणों में मतदान की घोषणा की। वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में 10, 14, 20 और 23 फरवरी के साथ ही 3 और 7 मार्च को मतदान होगा। यूपी पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) (BSF) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) (SSB) की 30 कंपनियां, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) (CISF) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) (ITBP) की 20 कंपनियां और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ)(CRPF) की 50 कंपनियों को 150 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में शामिल किया गया है, जो केंद्र द्वारा प्रदान की जा रही हैं।

अधिकारी ने बताया कि आम तौर पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की एक कंपनी में 100 जवान होते हैं।उत्तर प्रदेश में चार आयुक्तालय (कमिश्नरेट) सहित 78 जिले हैं। जब चुनाव (UP Assembly Elections 2022) की बात आती है तो हर जिले की अलग-अलग समस्याएं होती हैं। केंद्रीय पुलिस सशस्त्र बल के अतिरिक्त बलों को जिलों की संवेदनशीलता के अनुसार तैनात किया जाएगा। अधिकारी ने कहा, केंद्र इन एजेंसियों को इसलिए तैनात कर रहा है, ताकि चुनाव निष्पक्ष और कुशल तरीके से हो सके। हमें 10 जनवरी तक इन कंपनियों की सेवा मिल जाएगी। इससे चुनाव के दौरान संवेदनशीलता और भेद्यता भी कम हो जाएगी। हमें उम्मीद है कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से आयोजित होंगे।

यूपी पुलिस विभाग ने सभी जिलों से कहा है कि उन्हें फ्लैग मार्च करना है। फ्लैग मार्च में स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बल एक-दूसरे की मदद करेंगे। प्रयागराज जिलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ((UP Assembly Elections 2022)) की चार कंपनियां तैनात की जाएंगी। केंद्र द्वारा प्रदान किए गए 74 जिलों में यह अधिकतम सुरक्षा होगी। लखनऊ, कानपुर और वाराणसी में कमिश्नरेट हैं। इन तीनों को सीएपीएफ (CAPF) की तीन कंपनियां मिलेंगी। गौतमबुद्धनगर में भी कमिश्नरी लागू है, लेकिन उसे सिर्फ दो अर्धसैनिक कंपनियां दी गई हैं। यूपी पुलिस ने कहा, 35 जिलों को दो अर्धसैनिक कंपनियां मिली हैं, जबकि 25 जिलों को एक अर्धसैनिक कंपनी मिली है।