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केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रयागराज में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय
विधि विश्वविद्यालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के नए भवन परिसर के
शिलान्यास समारोह को संबोधित किया। इस संबोधन में किरेन ने खुद के बारे में
चौंकाने वाला खुलासा किया है। किरेन ने खुलासा करते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश में अपने गांव के एक ग्रामीण स्कूल में पढ़ाई की और उन्होंने पहली बार बिजली देखी 10वीं कक्षा में देखी थी।
यह वाकई बहुत ही चौंकाने वाली बात है कि केंद्रिय मंत्री किरेन ने 10 कक्षा से पहले बिजली नहीं देखी थी क्योंकि गांव में लाइट नहीं होती थी। किरेन के इस खुलासे के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि '' उनको यह ज्ञात था कि किरेन रिजिजू ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन किया होगा ''।
सीजेआई एनवी रमना के हवाले से कहा कि “हमारे गतिशील केंद्रीय कानून मंत्री एक युवा व्यक्ति हैं। वह ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं। मैंने सोचा था कि उसने किसी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की होगी। लेकिन वह वास्तव में एक ग्रामीण स्कूल में पढ़ता था। उन्होंने कक्षा 10 में पहली बार बिजली देखी। यह काफी हैरान कर देने वाली बात है ''।
किरेन ने बताया कि उनके गांव को 2006 में ही सड़क मिली थी जब वह लोकसभा सांसद बने थे। केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने ट्वीट किया कि "भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश श्री न्यायमूर्ति एन.वी. रमना बहुत सही हैं। मैंने अपने गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय और सरकारी माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई की और जब मैंने दसवीं कक्षा पास की तो मेरे गांव को बिजली मिली। मेरे गांव को 2006 में डोनर मंत्रालय के माध्यम से सड़क मिली जब मैं लोकसभा सांसद बना "।
रिजिजू ने कार्यक्रम में कहा कि “हम भारत को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के लिए एक गंतव्य बनाना चाहते हैं। अपनी न्यायिक व्यवस्था में सुधार के लिए हमें आम आदमी को न्याय दिलाने का लक्ष्य रखना चाहिए। हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आम आदमी को समय पर न्याय कैसे मिलता है और आम आदमी और न्याय के बीच की खाई को पाटना चाहिए, ”।
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