केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने जूट वर्ष 2021-22 के लिए पैकेजिंग में जूट के अनिवार्य उपयोग के लिए आरक्षण मानदंडों को मंजूरी दे दी। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में अपनी बैठक के दौरान यह निर्णय लिया। जूट वर्ष 2021-22 (1 जुलाई, 2021 से 30 जून, 2022) के लिए अनुमोदित अनिवार्य पैकेजिंग मानदंड खाद्यान्नों के 100% आरक्षण और 20% चीनी को जूट बैग में अनिवार्य रूप से पैक करने का प्रावधान करते हैं।
वर्तमान प्रस्ताव में आरक्षण मानदंड भारत में कच्चे जूट और जूट पैकेजिंग (jute)  सामग्री के घरेलू उत्पादन के हितों की रक्षा करते हुए भारत को आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप आत्मनिर्भर बनाएंगे। जूट पैकेजिंग सामग्री में पैकेजिंग के लिए आरक्षण देश में उत्पादित कच्चे जूट का लगभग 66.57% (2020-21 में) खपत हुआ।

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने कहा, "JPM अधिनियम के प्रावधान को लागू करके, सरकार जूट मिलों और सहायक इकाइयों में कार्यरत 0.37 मिलियन श्रमिकों को राहत देगी और साथ ही लगभग 4.0 मिलियन किसान परिवारों की आजीविका का समर्थन करेगी।"
इसके अलावा, यह पर्यावरण की रक्षा में मदद करेगा क्योंकि जूट प्राकृतिक, जैव-अवक्रमणीय, नवीकरणीय और पुन: प्रयोज्य फाइबर है और इसलिए सभी स्थिरता मानकों को पूरा करता है। CCEAने कहा, "जूट उद्योग सामान्य रूप से भारत की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और विशेष रूप से पूर्वी क्षेत्र यानी पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, असम, त्रिपुरा, मेघालय, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।"