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मध्यप्रदेश में कोरोना संकटकाल के बीच हर कोई जूझ रहा है, कोशिशे की जा रही है कि किसी तरह कोरोना से जंग जीती जाए, इन कोशिशों को उस वक्त झटका लगा है जब प्रशासनिक अधिकारियों के व्यवहार से व्यथित होकर दो स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया, इंदौर की डाक्टर पूर्णिमा गाडरिया ने कलेक्टर के व्यवहार से दुखी होकर नौकरी से इस्तीफा दे दिया, वहीं मानपुर के मेडिकल आफिसर ने भी इस्तीफा देते हुए लिखा कि एसडीएम के व्यवहार से व्यथित हूं, ऐसे में आगे काम करना मुश्किल है.
सूत्रों के अनुसार कोरोना काल में प्रभारी सीएमएचओ रह चुकी डाक्टर पूर्णिमा गाडरिाया ने स्वास्थ्य आयुक्त संचालनालय को लिखे पत्र में कहा कि जिला स्वास्थ्य अधिकारी के पद से 5 मई को त्याग पत्र दे रही हूं. इस्तीफा देने के बाद डॉक्टर गाडरिया ने यह भी कहा कि कलेक्टर साहब मानते हैं कि हम कुछ काम नहीं करते हैं, फोन पर भी उनका बातचीत करने का तरीका ठीक नहीं है, अपनी नाकामी का ठीकरा हम पर फोड़ते हैं, कुछ होता है तो कहते हैं कि इस्तीफा दे दो नहीं तो मैं सस्पेंड कर दूंगा. मुझे लगा अब इस्तीफा दे ही देना चाहिए क्योंकि अब और नहीं सहा जाता. किसी को तो आगे आना होगा.
इसी तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर के मेडिकल ऑफिसर आरएस तोमर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को लिखे पत्र में कहा कि आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं कि एसडीएम अभिलाष मिश्रा द्वारा की गई अभद्रता एवं अमर्यादित व्यवहार से मैैं व्यथित हूं. हालांकि मैं भी उसी भाषा का प्रयोग कर सकता था, लेकिन पद, गरिमा और प्रतिष्ठा सर्वोपरि होती हैै, अत: मैं सुनता रहा. मैं इस तरह से कार्य नहीं कर सकता, आज मेरी मानसिक व शारीरिक वेदना सहनशक्ति से बाहर हो गई हैै, मैं आगामी समय में कार्य करने में असमर्थ हूं.
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